नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Pandemic) से मरने वाले लोगों के परिजनों को 50 हजार रुपए देने के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने (Supreme Court) स्वीकार कर लिया है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान सरकार के निर्णय को सराहना करते हुए कहा कि, “हमें इस तथ्य का न्यायिक नोटिस लेना होगा कि भारत (India) ने जो किया है, कोई अन्य देश नहीं कर सकता।”
अदालत ने कहा कि, “SC केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों पर विचार करता है, जिसमें कोविड से मरने वाले व्यक्तियों के परिजनों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की सिफारिश की गई है। इस निर्णय को लेकर अदालत 4 अक्टूबर को आदेश पारित करेगी।”
SC considers Central government’s guidelines recommending Rs 50,000 ex-gratia payment to kins of persons who died of Covid & will pass order on Oct 4
We've to take judicial notice of the fact that what India has done, no other country could do: Bench observed during the hearing pic.twitter.com/WUVx29Y993
— ANI (@ANI) September 23, 2021
जैसा भारत ने किया वैसा किसी ने नहीं किया
याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा, “हमें खुशी है कि मारे गए लोगों के परिजनों के आंसू पोंछने के लिए कुछ तो किया गया है। हमें ध्यान में रखना होगा कि इतनी अधिक जनसंख्या होने के बावजूद इस तरह का कदम उठाया गया है। भारत ने जैसा किया है, वैसा अब तक किसी देश ने नहीं किया है।”
ज्ञात हो कि, बुधवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दायर करते हुए कहा था कि, वह कोरोना महामारी से मरने वालों (Covid-19 Deaths) के परिवार वालों को सरकार मुआवजा देगी। सरकार प्रति व्यक्ति 50 हजार रूपये मरने वालों के परिवारजन को देगी।”
सरकार ने अदालत को बताया कि, परिजनों को दी जाने वाली राशी राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी। यह राशी जब से कोरोना महामारी का संकट आया है, तब से लेकर अब तक जितनी भी मौत (Covid-19 Deaths) हुई है उन सभी लोगों के परिजनों को दी जाएगी। इसी के साथ भविष्य में होने वाली मौतों पर भी यह मुआवजा लागु रहेगा।
बता दें कि, कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर में मरने वाले लोगों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई थी। वहीं इस मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत से केंद्र सरकार से जवाब माँगा था। जिसपर जवाब देते हुए सरकार ने लोगों को मुआवजा देने से इनकार कर दिया था।