Supreme court
सुप्रीम कोर्ट (File Photo)

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    नई दिल्ली: शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्य साबित करने वाली याचिका पर सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय पीठ का गठन कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हेमा कोहली की पीठ 20 जुलाई को उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर सकती है।

    ज्ञात हो कि, उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। वहीं इसके विरोध में शिंदे गुट ने याचिका दायर कर खुद को असली शिवसेना बताया और खुद के पास बहुमत होने का दावा किया था। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सभी बागियों पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करने का आदेश विधानसभा अध्यक्ष को दिया था।

    निर्णय आने ताल लगे राष्ट्रपति शासन

    वहीं सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेश पर शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, जब तक सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं आ जाता तब तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। राउत ने ट्वीट करते हुए कहा, “बारबाडोस की जनसंख्या 2.5 लाख है और अभी तक 27 का मंत्रिमंडल है। महाराष्ट्र की 12 करोड़ की आबादी में 2 सदस्यों की कैबिनेट है जो मनमाने फैसले ले रही है। संविधान के लिए सम्मान कहाँ है? जब तक सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ अपना फैसला नहीं दे देती, तब तक महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करें।”