Supreme court
सुप्रीम कोर्ट (File Photo)

    Loading

    नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के मद्देनजर अंतरिम जमानत अथवा पैरोल पर जेल से बाहर रह रहे केरल (Kerala) के कैदियों को दो सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने शुक्रवार को कैदियों को यह निर्देश देते हुए कहा कि देश में हालात सामान्य होने के करीब हैं, इसलिए कैदियों को पुन: जेल में लौटना होगा। 

    शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा, “देश में पहले की तरह हालात सामान्य हो गए हैं और दैनिक गतिविधियां बेरोकटोक चल रही हैं। कोविड-19 के खतरे के कारण पैरोल पर रहने वाले याचिकाकर्ताओं(कैदियों) को दिया गया लाभ आज से दो सप्ताह की अवधि के लिए जारी रहेगा। कैदियों को निर्देश दिया जाता है कि वे इस अवधि के बाद जेलों में लौटकर आत्मसमर्पण करें।”

    पीठ ने कहा कि कैदियों को हमेशा के लिए पैरोल पर जेल से बाहर रहने का कोई अधिकार नहीं है और इसे कहीं न कहीं रोकना होगा। पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘ऐसा नहीं है कि आप अगले पांच साल तक जेल से बाहर रहें।” गौरतलब है कि केरल सरकार ने 2021 में राज्य में कोविड-19 के मद्देनजर मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन लोगों को भी जमानत देने का फैसला किया था, जिन्हें 10 साल से अधिक अवधि के कारावास की सजा के लिए दोषी ठहराया गया था। 

    शीर्ष अदालत ने फरवरी में राज्य के वकील से अधिकारियों को जमानत और पैरोल पर बाहर गए लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश देने को कहा था। उच्चतम न्यायालय ने केरल सरकार के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया, जिसमें कैदियों को वापस जेलों में आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था।