नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri) में हुई हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को स्वत: संज्ञान (Suo motu) लिया। इस मामले की सुनवाई गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी।
गौरतलब है कि मंगलवार को लखीमपुर खीरी हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। दो वकीलों ने इस मामले में कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने मंत्रियों के खिलाफ FIR दर्ज करने और उन्हें दंडित करने की मांग की थी।
Supreme Court takes suo motu cognisance of Lakhimpur Kheri violence
A bench of Chief Justice NV Ramana and Justices Surya Kant and Hima Kohli will hear the matter tomorrow pic.twitter.com/034N5TPAzt
— ANI (@ANI) October 6, 2021
याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया कि वह गृह मंत्रालय व पुलिस को मंत्रियों के खिलाफ केस दर्ज करने का निर्देश दें। इसके अलावा हिंसा और उपद्रव के मामले की उच्च स्तरीय लेवल न्यायिक जांच कराई जाए।
क्या है मामला?
दरअसल, रविवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के गांव में राज्य सरकार ने कई उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम रखा हुआ था। जहां राज्य के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या पहुंचने वाले थे। इसी को लेकर किसान सुबह से ही उनका विरोध कर रहे थे। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए केशव प्रसाद दूसरे रास्ते से कार्यक्रम पहुंचे। वहीं पुराने तय रास्ते पर तिकोनिया गांव पर भाजपा सांसद के कार्यकर्ता तीन गाड़ियों से जा रहे थे। इसी दौरान गाड़ियों ने पैदल चल रहे किसानों को टक्कर मार दी। जिसमें चार किसनों की मौत हो गई, और कई घायल हो गए। इस घटना के बाद वहां मौजूद भीड़ ने गाड़ियों के ऊपर हमला कर दिया। इस झड़प में एक पत्रकार समेत तीन भाजपा कार्यकर्ताओं को भीड़ ने पीटकर मार डाला।
किसान संगठन ने जहां केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर गाड़ी से कुचलकर मारने का आरोप लगाया है। वहीं मंत्री और के सांसद मिश्रा ने इसे नकारते हुए आंदोलन करियों पर पहले हमला कर भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या करने का दावा किया है।