नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने मंगलवार को कहा कि वह 11 अप्रैल को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम (Electoral Bond Scheme) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा और फैसला करेगा कि क्या इस मामले की सुनवाई पांच जजों की संविधान पीठ द्वारा की जानी चाहिए। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील शादान फरासत के कहने के बाद यह निर्देश पारित किया कि यह लोकतांत्रिक राजनीति और राजनीतिक दलों के वित्त पोषण को प्रभावित करता है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि हम इसे 11 अप्रैल 2023 को सुनेंगे, यह देखने के लिए कि क्या इसे संविधान पीठ को भेजा जाना चाहिए। बता दें कि चुनावी बॉन्ड योजना को केंद्र ने 2018 में राजनीतिक चंदे के स्रोत के रूप में लागू किया था।
Supreme Court posts for April 11 to hear submissions on whether to refer to Constitution bench a batch of pleas challenging government’s Electoral Bond scheme which allows for anonymous funding to political parties. pic.twitter.com/YFm2vUyGXF
— ANI (@ANI) March 21, 2023
बता दे कि इस योजना के तहत, दाताओं की साख गुमनाम रखी जाती है। दान किसी भी व्यक्ति, कंपनी, फर्म या व्यक्तियों के संघ द्वारा किया जा सकता है। बशर्ते वह व्यक्ति या निकाय भारत का नागरिक हो या भारत में निगमित या स्थापित हो।