नई दिल्ली : देश में एक ऐसी घटना हुई जिससे सभी लोग हैरान हो गए। 20 सितंबर 2021 को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) का शव मिला। इस खबर से पुरे देशवासी चौंक गए कि आखिर एक योगी अपनी आत्महत्या (Suicide) क्यों करेगा। इस मामले पर कई तरह की बातें हो रही है। कोई कह रहा है की ये साजिश है तो कोई कह रहा है कि ये आत्महत्या ही है। इस घटना से कई तरह के सवाल खड़े हुए है।
क्या हमारे देश में आम लोगों की जिंदगी बाबाओं से प्रभावित कर रखी है। अगर कर रखी है तो उसका कितना प्रमाण है, भारत में ऐसे कितने लोग है जो बाबाओं में विश्वास रखते है। क्या महंत गिरी की आत्महत्या वाले घटनाओं की वजह से बाबाओं के प्रति लोगों की आस्था कम हो जाएगी। ऐसे कई अनगिनत सवाल है जो आज हम सब के सामने है। आज उन्ही में से कुछ सवाल का जवाब हम आपको इस लेख द्वारा देने वाले है।
कितने लोग अब भी बाबा पर भरोसा करते है ?
आपको बता दें कि 2017 के एक अध्ययन के अनुसार, 18 प्रतिशत लोग किसी ना किसी बाबा में आस्था रखते है। साथ ही 82 प्रतिशत ऐसे लोग है जिनकी बदनाम बाबाओं के वजह से आस्था खत्म हो गई है। इसमें राम रहीम, आसाराम, निर्मल बाबा, यह सब बदनाम हुए हुए बाबा है।
बाबा के पास जाने की वजह क्या है ?
आखिर लोग इन बाबाओं की शरण में क्यों जाते है ? और किसके जरिये जाते है, इसकी क्या वजह है? इसका भी जवाब हम आपको दे रहे है। 39 प्रतिशत लोग रिश्तेदार और दोस्तों के कहने पर बाबाओं के पास जाते है। वहीं 52 प्रतिशत युवा नौकरी की समस्या के वजह से बाबाओं के पास जाते है। इंसान की परेशानियां उन्हें क्या करने पर मजबूर कर देती है, पर ऐसे वक्त में जल्द फैसला न लेते हुए थोड़ा ठहर जाना अच्छा है।
बाबाओं के शरण में जाने की सबसे बड़ी वजह ?
आपको बता दें कि 23 प्रतिशत लोग बाबाओं के चमत्कार पर विश्वास रखते है। वही 49 प्रतिशत लोग काम धंधे के चक्कर में बाबाओं से जुड़ते है। बाबाओं के शरण में जाने की यह दो सबसे बड़ी वजहें है।
जानें बाबा के संपर्क में आने के बाद लोगों की राय
25 प्रतिशत लोगों का यह मानना है कि बाबाओं के संपर्क में आने के बाद उनकी जिंदगी में चमत्कार हुए है। वही 47 प्रतिशत लोगों का यह कहना है कि मठ में CCTV लगाई जानी चाहिए। सबसे अधिक लोगों यानी 95 प्रतिशत लोगों ने कहा कि बाबाओं के संपत्ति की जांच होनी चाहिए।
राजस्थान
जानकारी के मुताबिक़ राजस्थान के लोग परिवार के दबाव नमन या किसी के कहने पर बाबाओं के पास जाते है। इसकी आकड़ेवाली भी हम आकपो बताते है आखिर किन वजहों से और कितने प्रतिशत लोग बाबाओं के पास जाते है। इसमें 38 प्रतिशत लोग किसी के कहने पर बाबाओं के शरण में जाते है। वहीं 38 प्रतिशत लोग नौकरी की समस्या में बाबाओं के पास जाते है। साथ ही 24 प्रतिशत लोग पारिवारिक परंपराओं के चलते बाबा के पास जाते है।
उत्तर प्रदेश
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में 59 प्रतिशत लोग मोटिवेशनल गुरुओं के फॉलोवर है। वहीं धर्मगुरुओं को बेहतर मानने वाले लोग 24 प्रतिशत है। हर राज्य में बाबाओं को लेकर सबके अलग- अलग अनुभव है।
छत्तीसगढ़
छत्तीसग़ढ के 81 प्रतिशत लोगों का कहना है कि बाबाओं की बताओं से मानसिक शांति मिलती है। वही 24 प्रतिशत लोगों ने यह बताया कि उन्हें जरूरत के वक्त आर्थिक मदद मिली है।
बिहार
बिहार से कई अलग बाते सामने आयी है। यहां के 14 प्रतिशत लोगों ने यह माना की वे बाबाओं के प्रचार से प्रभावित हुए है। वही 33 प्रतिशत लोगों का यह कहना है कि वे बाबाओं के चमत्कार से प्रभावित हुए है। वही और एक चुकाने वाला खुलासा हुआ है, 27 प्रतिशत लोगों ने यह मन है कि नेताओं, खिलाड़ियों, एक्टर- एक्ट्रेस के आने जाने की वजह से वे भी बाबाओं पर भरोसा करने लगे।
गुजरात
गुजरात में 31 प्रतिशत लोग ऐसे है जो बाबाओं को समाज सुधारने वाला मानते है। वहीं 24 प्रतिशत लोगों का यह मानना है कि जो कथावाचक बाबा होते है वही समाज सुधारक होते है।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के 38 प्रतिशत लोगों का यह मन है कि बाबा चमत्कार कर सकते है। साथ ही 12 प्रतिशत ऐसे भी लोग है जो बाबा के ज्ञान से प्रभावित हुए है। महाराष्ट्र में बाबाओं का बसेरा ज्यादा है।
झारखंड
झारखंड के 4 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्होंने बाबाओं के चमत्कार को अपनी आंखों से देखा है।