मुंबई: एनसीबी (NCB) ने बुधवार को धर्मेटिक एंटरटेंमेंट (Dharmatic Entertainment) के पूर्व कार्यकारी निर्माता क्षितिज प्रसाद (Kshitij Prasad) की जमानत याचिका का विरोध किया। प्रसाद को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत से संबंधित मादक पदार्थ (Drugs) के मामले में 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था।
रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) भी इस मामले के आरोपियों में शुमार हैं। चक्रवर्ती को अब जमानत मिल गई है। विशेष एनडीपीएस अदालत (NDPS Court) में दायर की गई अपनी जमानत अर्जी में प्रसाद ने दावा किया है कि एनसीबी ने उन्हें फंसाया है, क्योंकि उन्होंने फिल्मकार करण जौहर (Karan Johar) और अन्य का नाम लेने से इनकार कर दिया था।
प्रसाद, जौहर के धर्मा प्रोडक्शन की सहयोगी कंपनी धर्मेटिक एंटरटेंमेंट के साथ कुछ समय के लिए जुड़े थे। अदालत में बुधवार को दायर किए गए अपने लिखित जवाब में एजेंसी ने आरोपों से इनकार किया है। एजेंसी ने जांच अधिकारियों द्वारा अपमानित किए जाने के प्रसाद के दावे को “आधारहीन” बताया है।
एनसीबी ने कहा कि उन्होंने अपनी मर्जी से बयान दिया और इसमें कोई भी झूठा दावा जोड़ा नहीं किया गया। उसने आरोप लगाया कि प्रसाद और अन्य आरोपी मादक पदार्थ खरीद और वितरित करने के गिरोह में शामिल हैं।
एनसीबी ने दावा किया कि प्रसाद एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27 ए को अपने बयान पर हस्ताक्षर करने के बदले मामले में हटवाने की कोशिश कर रहे थे। इसी धारा के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज है। यह धारा तस्करी का वित्त पोषण करने और अपराधी को पनाह देने से संबंधित है। ब्यूरो ने कहा कि अगर प्रसाद को रिहा किया जाता है तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। अदालत जमानत अर्जी पर 16 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।