मुंबई: सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत के मामले में AIIMS के डॉक्टरों के पैनल ने सीबीआई (CBI) को अपनी राय देते हुए कहा है कि सुशांत की हत्या नहीं बल्कि ये एक आत्महत्या का मामला है। अब सीबीआई इस मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने को लेकर अपनी आगे की जांच कर रही है। डॉक्टर्स के पैनल ने उन तमाम थ्योरी को खारिज कर दिया है जिनमें सुशांत को ज़हर दिए जाने या फिर गला दबाकर मारने कि बातें कि गईं थीं।
#SushantSinghRajput‘s family lawyer Vikas Singh writes a letter to CBI Director, raising objections over forensic examination report submitted by AIIMS to CBI & calling it faulty.
The letter reads, “Matter needs to be referred to another forensic team to be constituted by CBI.” pic.twitter.com/Jlnnusf37C
— ANI (@ANI) October 7, 2020
लेकिन AIIMS की रिपोर्ट को लेकर सुशांत के परिवार के लॉयर विकास सिंह (Vikas Singh) ने सीबीआई को लेटर लिखा है जिसमें विकास सिंह ने जिसमें दोबारा फॉरेंसिक टीम गठन की मांग की गई है और मौजूदा जांच में कमी गिनाई गई हैं। विकास सिंह ने इससे पहले अपनी चिट्ठी में कई सवाल उठाए हैं जिनका जवाब टीम ने उन्हें दे दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, विकास के सवालों के जवाब पोस्टमॉर्टम करनेवाली टीम ने दिया है जो कुछ इस तरह हैं…
सवाल: सुशांत का पोस्टमॉर्टम मौत वाले दिन ही रात में क्यों किया गया?
पोस्टमॉर्टम करनेवाली टीम का जवाब: पुलिस हमारे पास आई थी। उन्होंने हमसे पोस्टमॉर्टम करने को कहा, इसलिए पोस्टमॉर्टम कर दिया गया था। ऐसा कोई नियम नहीं है कि पोस्टमॉर्टम रात को नहीं हो सकता है। 2013 के सर्कुलर के मुताबिक रात को भी पोस्टमॉर्टम किया जा सकता है।
सवाल: रात को पोस्टमॉर्टम करने के लिए मजिस्ट्रेट की इजाज़त थी?
टीम: पोस्टमॉर्टम के लिए मजिस्ट्रेट की इजाज़त तब ही ली जाती है जब कस्टडी में किसी की मौत हुई हो या दंगे में कोई मरा गया हो यानी जिसकी मौत 176 CrPC के तहत हुई हो। सुशांत सिंह राजपूत का मामला 174 CrPC के अंतर्गत आता है जिसमें पुलिस के पास पोस्टमॉर्टम करवाने का अधिकार है।
सवाल: पोस्टमॉर्टम के वक्त सुशांत के परिवार से कौन मौजूद था?
टीम: हमें ये याद नहीं है कि परिवार से कौन मौजूद था। हमारे पास पुलिस उनकी बहन द्वारा साइन किए गए पेपर के साथ आई थी। उसके बाद सुशांत की बहन और जीजा पोस्टमॉर्टम सेंटर पर आए थे।
सवाल: सुशांत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में निशान की बात कही गई है, फिर किसी चोट का जिक्र क्यों नहीं था?
टीम: अगर आप पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के कॉलम 17 को देखें तो लिगेचर मार्क्स की बात कही गई है, उसके अलावा कोई चोट नहीं थी।
सवाल: ऐसे मामलों में पोस्टमॉर्टम के लिए 2-3 घंटे लगते हैं, फिर सुशांत का पोस्टमॉर्टम 90 मिनट में कैसे हो गया?
टीम: एक सामान्य पोस्टमॉर्टम के लिए एक घंटा लगता है। लेकिन कोई टाइम लिमिट नहीं है। हमने डेढ़ घंटे में पोस्टमॉर्टम पूरा किया और विसरा को प्रिजर्व कर लिया था।
सवाल: विसरा रिपोर्ट के अलावा ऐसा क्या पता लगा था जिस से मर्डर की थ्योरी खत्म हो गई?
टीम: शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं था। जिस जगह पर फांसी लगाई थी वहां पर किसी तरह का स्ट्रगल नहीं दिखा था। गले पर जो निशान मिला, वो उसी फंदे से मिले जिससे उनका शव लटका हुआ मिला था।
सवाल: जिस फंदे की बात हुई उसपर शक है कि वो सुशांत का वजन उठाने लायक नहीं था?
जवाब: जिस कुर्ते के कपड़े से फांसी लगाई गई, उसे टेस्ट के लिए भेजा गया था. जिसमें पता लगा कि वो 200 किलो तक का वजन झेल सकता है.
सवाल: पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में टाइम ऑफ़ डेथ क्यों नहीं लिखा गया?
जवाब: पुलिस ने मौत के वक्त को लेकर सवाल खड़े किए थे लेकिन रिपोर्ट में ये लिखा गया है कि पोस्टमॉर्टम से 10-12 घंटे पहले ही सुशांत की मौत हुई थी।
सवाल: टेज़र गन थ्योरी को लेकर क्या कहना है, टेज़र गन के इस्तेमाल के बाद गला दबाया गया?
जवाब: टेज़र गन हमेशा गर्दन पर एक जला हुआ निशान छोड़ देती है। लेकिन जो निशान थे वो सिर्फ यही साबित करते हैं कि वो लटकने के कारण आए थे। टेज़र गन थ्योरी सिर्फ सोशल मीडिया के ज़रिए सामने आई थी।
बता दें कि विकास सिंह ने इससे पहले ट्वीट करते हुए लिखा था कि, “सीबीआई डिरेक्टर से अपील करेंगे कि वह इस मामले में एक नई फॉरेंसिक टीम का गठन करें। एम्स की टीम शरीर की अनुपस्थिति में एक निर्णायक रिपोर्ट कैसे दे सकती है, वह भी कूपर अस्पताल द्वारा किए गए ऐसे पोस्टमार्टम पर जिसमें मृत्यु के समय का भी उल्लेख नहीं है।”
Highly perturbed with AIIMS report. Going to request CBI Director to constitute a fresh Forensic team . How could AIIMS team give a conclusive report in the absence of the body,that too on such shoddy post mortem done by Cooper hospital wherein time of death also not mentioned .
— Vikas Singh (@vikassinghSrAdv) October 4, 2020