Chennai Rains
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    चेन्नई. तमिलनाडु (Tamil Nadu) की राजधानी चेन्नई (Chennai) में भारी बारिश (Heavy Rain) ने कहर मचाया है। यहां बीती रात हुई मूसलाधार बारिश के कारण चेन्नई में जलभराव की समस्या पैदा हो गई है। साथ ही कई मकानों में पानी घुस गया है। तीन जलाशयों के दरवाजे खोले गए हैं और बाढ़ की चेतावनी दी गई है। जिसके चलते तीन जिलों में एनडीआरएफ (NDRF) की टीमों को तैनात किया गया है।

    मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए चक्रवाती हवाओं और भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। जिसके चलते राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) (NDRF) की चार टीमों को तिरुवल्लूर, चेंगलपट्टू और मदुरै में तैनात किया गया है।

    मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि अक्टूबर में उत्तरी-पूर्वी मॉनसून की शुरुआत से ही तमिलनाडु और पुडुचेरी में करीब 43 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। शनिवार की सुबह से चेन्नई और चेंगलपेट, कांचीपुरम और तिरुवल्लुर जिलों के उपनगरीय इलाकों में मूसलाधार बारिश हो रही है। बारिश पूरी रात होती रही और रविवार सुबह तक जारी रही। यह हाल के वर्षों में हुई सबसे मूसलाधार बारिश है।

    मौसम विभाग के उपनिदेशक एसॅ बालाचंद्रन ने पीटीआई-भाषा से कहा कि अभी तक सबसे ज्यादा 45 सेंटीमीटर बारिश 1976 में हुई। उसके बाद 1985 में चेन्नई में दो अलग-अलग दिनों में 23 और 33 सेंटीमीटर बारिश हुई। छह साल पहले 2015 में शहर में 25 सेंटीमीटर बारिश हुई थी और फिलहाल शहर में लगभग इतनी ही बारिश हो चुकी है।

    वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन से बात की और राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के मद्देनजर स्थिति पर चर्चा की। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “बचाव और राहत कार्यों में केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मैं सभी की सलामती और सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं।”

    उधर IMD द्वारा महाराष्ट्र के 2 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम की भविष्यवाणी के अनुसार राज्य की राजधानी मुंबई सहित अन्य उपनगरों में हल्की बारिश होने के भी आसार हैं। वहीं पूर्वोत्तर मानसून के कारण आगामी 9-11 नवंबर से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में और भी भारी वर्षा की संभावना है।

    पूर्वी अरब सागर के ऊपर 50-60 किमी/घंटे की रफ्तार और 70 किमी/घंटे की रफ्तार के साथ तेज बारिश की भी संभावना है। इस कारण महाराष्ट्र के तटों बाहरी क्षत्रों में आज यानी सात नवंबर से 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। IMD ने मछुआरों को इन क्षेत्रों में न जाने की जरुरी सलाह भी दी है। (एजेंसी इनपुट के साथ)