Sugarcane payment of one lakh crore rupees made to 47 lakh farmers in three years in Uttar Pradesh
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नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को 2023-24 सत्र के लिये गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 10 रुपये बढ़ाकर 315 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। एफआरपी वह न्यूनतम मूल्य है जिसे चीनी मिलों को गन्ना किसानों को देना होता है। गन्ना सत्र अक्टूबर से शुरू होता है।

बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने गन्ने का न्यूनतम मूल्य बढ़ाने का फैसला किया। सत्र 2023-24 के लिये गन्ने का एफआरपी 315 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। पिछले सत्र में गन्ने का न्यूनतम मूल्य 305 रुपये प्रति क्विंटल था। 

अनुराग ठाकुर ने बताया कि गन्ने का एफआरपी 315 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है जबकि उत्पादन की लागत 157 रुपये प्रति क्विंटल है। यानि 10.25 फीसदी के रिकवरी रेट के हिसाब से प्रोडक्शन कॉस्ट से 100.6 फीसदी ज्यादा गन्ना किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य दिया जा रहा है। गन्ना का नया एफआरपी 2022-23 सीजन के मुकाबले 3.28 फीसदी ज्यादा है। 

ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा ‘अन्नदाता’ के साथ हैं। सरकार हमेशा कृषि और किसानों को प्राथमिकता देती रही है। उन्होंने कहा कि गन्ने का न्यूनतम मूल्य 2014-15 में 210 रुपये प्रति क्विंटल था। अब वह बढ़कर 2023-24 में 315 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।  

उल्लेखनीय है कि गन्ने पर एफआरपी यानी उचित और लाभकारी मूल्य फिक्स करने के जरिए गन्ना किसानों को उनके उपज की गारंटीड रकम दी जाती है।  केंद्र सरकार के इस फैसले से 5  करोड़ गणना किसानों को इसका फायदा होगा। साथ ही गन्ना मिलों और उससे जुड़े एक्टिविटी में काम करने वाले 5 लाख कर्मचारियों को भी इस फैसले का फायदा होगा।