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    नई दिल्ली: जैसा की हम जानते है मनोरंजन के लिए वाराणसी में क्रूज सेवा थी। जो नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद फिर तेजी से आगे बढ़ी। ऐसे में अब पूरा देश देख रहा है कि अब भारत का आंतरिक जलमार्ग फिर से जिंदा किया जा रहा है, और इसे लेकर कई विकास कार्य किये जा रहे है।  ऐसे में अब इस साल का 13 जनवरी वह दिन होगा जो इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगा। क्योंकि इसी दिन दुनिया की सबसे बड़ी नदी क्रूज ‘गंगा विलास’ काशी से असम के डिब्रूगढ़ के लिए रवाना होगी, आइए आज जानते है इस ‘गंगा विलास’ के बारे में.. 

    50 दिन का सफर 

    आपको बता दें कि गंगा विलास क्रूज की एक ट्रिप 50 दिनों की होगी। दरअसल ये काशी से रवाना होकर सिर्फ गंगा ही नहीं, बल्कि उनसे जुड़ी हर उस नदी का सफर तय करेगी, जो डिब्रूगढ़ तक के रास्ते में पड़ेगी। ऐसे में अब इस क्रूज पर बीतने वाले ये 50 दिन हर किसी के लिए जीवन के सबसे अच्छे 50 दिन हो सकते हैं। बता दें कि इस क्रूज सेवा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करेंगे, तो यूपी के मुख्यमंत्री योगी उस समय गंगा के किनारे मौजूद रहेंगे। जानकारी के मुताबिक ये क्रूज 50 दिनों के सफर पर निकलेगी, तो फिर 3200 किमी की दूरी तय करेगी। अब देखना यह होगा इसका सफर लोगों के लिए कितना यादगार होता है। 

    गंगा विलास क्रूज 27 नदियों से होकर गुजरेगी

    जैसा कि  हमने आपको बताया की यह 50 दिनों का सफर तय करेगी।  वही काशी से डिब्रूगढ़ के सफर में गंगा विलास क्रूज 27 नदियों से होकर गुजरेगी।  इस क्रूज की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि 5 स्टार होटल जैसी सुविधाएं इस क्रूज पर मौजूद हैं। 18 सुइट हैं, जो बेहद आलीशान है। यूपी सरकार के पर्यटन विभाग की डिप्टी डायरेक्टर प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि इस खास क्रूज में ओपन स्पेस बालकनी है, तो जिम, स्टडी रूम और लाइब्रेरी की सुविधा भी है। इस तरह से ये बेहद शानदार और खास है। 

     

    शानदार सुविधाएं 

    इसमें स्पा-सैलून सुविधा उपलब्ध है, तो चिकित्सा सुविधा भी। यहीं नहीं, मनोरंजन के लिए ऑडिटोरियम में बनाया गया है, तो सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए भी क्रूज पर काफी जगह है। इस क्रूज में एक साथ 80 सैलानी आ सकते हैं, तो 32 से ज्यादा क्रूज का स्टाफ भी इस पर रहेगा। इस क्रूज के पहले टूर पर जा रहा है स्वीडन से आए सैलानियों का एक ग्रुप, जो 10 जनवरी को ही वाराणसी पहुंच जाएगा।  इसके बाद 13 जनवरी से वो 50 दिनों के लंबे सफर पर निकल जाएंगे। फ़िलहाल इस ‘गंगा विलास’ की चर्चा पुरे देश भर में हो रही है।