कर्नाटक की इस कंपनी ने बनाए ऐसे पटाखे, जिनसे न धुआं निकलता है न ही आती है आवाज

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    कर्नाटक: दिवाली (Diwali) का पर्व पास है और लोग पटाखे की खरीदारी शुरू कर चुके हैं। वहीं राजधानी दिल्ली (capital Delhi) में पटाखे खरीदने और बेंचने पर प्रतिबंध लगा है। वहीं दूसरी और कर्नाटक (Karnataka) की एक कंपनी (company) ने ऐसे पटाखे बनाए हैं जिनसे न धुआं निकलता है और न ही आवाज आती है। यह पूरी तरह से इकोफ्रेंडली पटाखे हैं। यह पर्तावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। 

    कर्नाटक के मंगलुरु में पेपर सीड कंपनी ने पर्यावरण के अनुकूल पटाखे बनाए हैं जो धुआं या ध्वनि नहीं करते हैं। पर्यावरण कार्यकर्ता नितिन वास ने बताया कि हमने प्लांटेबल फायरक्रैकर लांच किया है। इसे मिट्टी में डालने के बाद अलग अलग तरह की सब्जियां उगाई जा सकती है। हमारे पास इस तरह के 6 अलग-अलग पटाखे हैं।

    बता दें कि इस साल ग्रीन दिवाली सेलिब्रेट करने वाले कई लोगों में कर्नाटक की चॉकलेटियर प्रिया जैन भी शामिल हैं। पर्यावरण को हर हाल में अपने प्रयासों से बचाने वाली प्रिया ने दिवाली के लिए चॉकलेट से बम-पटाखे बनाए हैं। उन्होंने अपना संदेश एक लाइन में इस तरह दिया इस दिवाली पटाखे फोड़ो नहीं बल्कि चॉकलेट के शेप में इसे खाओ।

    वहीं दूसरी ओर चंडीगढ़ में एक एनजीओ गाय के गोबर से ईको-फ्रेंडली दीपक बना रही है। गौशाला उप प्रधान विनोद कुमार ने बताया, गौशाला सेक्टर 45 में पिछले 5 सालों से गौ माता के गोबर से दीपक बनाए जा रहे हैं। ये दीपक बहुत ही लाभकारी हैं। ये लोगों को निशुल्क वितरित किए जाएंगे।