कश्मीर का ये ‘पकवान’ जिसे खाने देश के कोने-कोने से आते है लोग, जानें ऐसा क्या है खास

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    नई दिल्ली: मौसम के हिसाब से कुछ पकवानों की मांग होती है, जी हां सर्दियों का मौसम आ गया है। दुनिया का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में जमकर बर्फ़बारी हो रही है, ऐसे में वहां कश्मीरी मांस यानी कश्मीर का मशहूर पकवान ‘हरीसा’ की मांग घाटी में बहुत ज्यादा बढ़ गई है। आपको बता दें कि ‘हरीसा’ ये कश्मीर की पारंपरिक पकवान है, जो कपकपाने वाली सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिये जाना जाता है और सर्दियों में इसकी मांग काफी बढ़ जाती है। 

    ऐसे बनाया जाता है ‘हरीसा मीट’

    आपको बता दें कि कश्मीर के इस प्रसिद्ध पकवान को कश्मीरी केसर, सुगंधित मसाले, चावल, मांस और नमक के मिश्रण से बनाया जाता है। साथ ही ये कैलोरी और प्रोटीन सामग्री से युक्त, हरीसा आसानी से पच जाता है। दरअसल इसे एक बड़े मिट्टी के बर्तन में बनाया जाता है जिसे स्थानीय रूप से kept Mat के रूप में जाना जाता है। इसे पूरी रात लकड़ी जलाकर गर्म रखा जाता है और ताजा खाया जाता है। सर्दियों में इसे खाना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। 

    हरीसा बनाने के लिए मेहनत

    दरअसल ये पकवान बनाने वाले शख्स का नाम इसाक अहमद है और इनका परिवार 80 वर्षों से ये पकवान बना रहा है और बेच रहा है। हरीसा के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि,“वास्तव में अच्छी ‘हरीसा’ बनाने में तकरीबन 17 से 18 घंटे लगते हैं। सबसे पहले, आपको चावल बनाना होगा और इसे मसालों के साथ मिलाना होगा। इसके बाद फिर इसमें मांस डाला जाता है। हम सुबह 4 बजे उठते हैं और हड्डियों को निकालते हैं। इसके साथ-साथ हमें दुकान भी चलाना है। इसमें बहुत सारी मेहनत लतगी है और इसमें काफी समय भी देना पड़ता है।” तब जाकर हरीसा मिट तैयार होता है। 

     

    शरीर के लिए फायदेमंद है हरीसा

    आपको बता दें कि हरीसा न केवल कश्मीरियों के बीच, बल्कि सर्दियों के दौरान दुनियाभर से कश्मीर आने वाले पर्यटकों के लिए भी ये पसंदीदा चीज है।  खासकर सर्दियों में लोग वास्तव में इस डिश का लुत्फ उठाते हैं और बड़े मजे से खाते है। इसे बनाने वाले इसाक अहमद ने बताया कि उनके पास  पूरे देश के ग्राहक हैं। जिन लोगों को शरीर में दर्द होता है, उनका दावा है कि ‘हरीसा’ खाने से दर्द से राहत मिलती है और कई अन्य बीमारियों से भी बचाव होता है। कई इसे उपहार के रूप में अपने प्रिय लोगों को भेजते हैं।

     

    ग्राहकों ने साझा किये अनुभव

    इसाक अहमद के संयुक्त नियमित ग्राहक वली मुहम्मद कहते हैं कि, “मैं इस डिश का बहुत आनंद लेता हूं और हर साल अनंतनाग से बस इसके लिए यहां आता हूं। इसके कई लाभ हैं, विशेष रूप से सर्दियों के महीनों में ये शरीर के लिए बहुत ही अच्छा होता है।

    वहीं, एक एक अन्य ग्राहक ने कहा कि,“मैं इसे सर्दियों के मौसम में खाता हूं क्योंकि ये शरीर के तापमान को बनाए रखता है। ये एक परंपरा है जो हमारे दिल और हमारी संस्कृति के बहुत करीब है। हम हफ्ते में कम से कम एक या दो बार ‘हरीसा’ खाते हैं। ” हरीसा लोगों की पसंदीदा डिश है जिसे खाने के लिए देश भर के कोने कोने से लोग कश्मीर आते है।