नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने आज यानी शुक्रवार को पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य के जनरल लचित बोड़फूकन की 400वीं जयंती पर साल भर आयोजित कार्यक्रमों के समापन समारोह को संबोधित किया। इस मौके पर आज PM मोदी ने पर उन पर लिखी किताब का विमोचन किया। इससे पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, राज्यपाल जगदीश मुखी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और अन्य ने दिल्ली में लचित बरफुकन की 400वीं जयंती समारोह में भाग लिया और उनको अपनी श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
We bow to the valorous Lachit Borphukan on his 400th birth anniversary. He played pivotal role in preserving the culture of Assam. https://t.co/w8eG6BAGby
— Narendra Modi (@narendramodi) November 25, 2022
आज के इस ख़ास मौके पर PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें वीर लाचित की 400वीं जन्म जयंती मनाने का सौभाग्य उस कालखंड में मिला है जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। यह ऐतिहासिक महोत्सव असम के इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय है। उन्होंने कहा कि आज देश गुलामी की मानसिकता को छोड़ अपनी विरासत पर गर्व करने के भाव से भरा हुआ है। आज भारत न सिर्फ अपनी सांस्कृतिक विविधता को मना रहा है बल्कि अपनी संस्कृति के ऐतिहासिक नायक-नायिकाओं को गर्व से याद भी कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि, जब कोई मुश्किल दौर, चुनौती खड़ी हुई तो उसका मुकाबला करने के लिए कोई न कोई विभूति अवतरित हुई। हमारी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान बचाने के लिए संत और मनीषी आए। भारत को तलवार की जोर से कुचलने का मंसूबा पाले, आक्रमणकारियों का मां भारती की कोख से जन्मे वीरों ने सामना किया।लाचित बारफूकन भी ऐसे वीर थे। उन्होंने दिखाया कि कट्टरता और आतंक के हर आग का अंत हो जाता है, लेकिन भारत की जीवन ज्योती अमर बनी रहती है।
Assam CM Himanta Biswa Sarma felicitates PM Narendra Modi at the 400th Birth Anniversary celebration of Lachit Barphukan, in Delhi. pic.twitter.com/z9cvEzap5H
— ANI (@ANI) November 25, 2022
Great personalities like Lachit Barphukan, and immortal offsprings of Bharat Maa are our constant inspirations for the fulfilment of the resolutions of this Amrit Kaal: PM Narendra Modi at the 400th birth anniversary celebration of Lachit Barphukan, in Delhi pic.twitter.com/kVkwcy7Ubs
— ANI (@ANI) November 25, 2022
गौरतलब है कि, लचित बोड़फूकन की 400वीं जयंती वर्ष समारोह का उद्घाटन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसी साल फरवरी में असम के जोरहाट में किया था। लचित बोड़फूकन असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य में एक सेनापति थे। सरायघाट के 1671 के युद्ध में उनके नेतृत्व के लिए उन्हें पहचाना जाता है, जिसमें औरंगजेब के नेतृत्व वाली मुगल सेना का असम पर कब्जा करने का प्रयास विफल कर दिया गया था। इस विजय की याद में असम में 24 नवंबर को लचित दिवस मनाया जाता है। सरायघाट का युद्ध गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के तटों पर लड़ा गया था।