swami vivekananda birth anniversary
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    मुंबई: उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते। जीवन के इसी उद्देश्य के साथ स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) आगे बढ़ते रहे। आज उनकी जन्म जयंती है। आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ रोचक बातें।  जो हमारे जीवन में बदलाव लाने के लिए जरूरी हैं। मात्र 1.5 – 2 घंटे ही सोने वाले स्वामी विवेकानंद ने दुनिया में अपनी एक अलग छाप छोड़ी थी। आपको जानकार हैरानी होगी कि वह  हर चार घंटे के बाद 15 मिनट के लिए झपकी लेते थे। जबकि आज के समय से सभी की एक ही शिकायत रहती है कि नींद पूरी नहीं हो रही है।  डॉक्टर भी काम से कम छह घंटे की नींद लेने के लिए बोलते हैं।  

    उन्होंने रामकृष्ण मिशन (Ramakrishna Mission) की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है। वे रामकृष्ण परमहंस (Ramakrishna Paramhansa) के शिष्य थे। उनका कहना था कि उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तमु अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते। जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है। जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिये। नहीं तो लोगों का विश्वास उठ जाता है। 

    स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी। एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ। पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान। स्वामी ने धार्मिक विकास को शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य माना। 

    गौरतलब है कि कलकत्ता के एक कुलीन बंगाली कायस्थ परिवार में जन्मे विवेकानन्द आध्यात्मिकता की ओर झुके हुए थे। उनका जन्म 12 जनवरी 1863 में हुआ था।  4 जुलाई 1902 को उनकी मृत्यु हुई थी। वह शुरू से ही वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त (Narendra Nath Dutt) था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था।