नई दिल्ली. सुबह की अन्य बड़ी खबर के अनुसार, आज PM नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अपने गृह राज्य गुजरात दौरे पर हैं। पीएम मोदी यहां कई परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इसमें प्रमुख रूप से वे आज वड़ोदरा में वायुसेना के लिये बनने वाले ट्रांसपोर्ट विमान सी 295 निर्माण इकाई (C-295 MW Aircraft) की आधारशिला रखेंगे। बता दें कि यह विमान टाटा और एयरबस मिलकर बनाने वाली है। इसमें 16 विमान सीधे फ्लाई वे कंडीशन में स्पेन से आएंगे और बाकी के 40 विमान यही हमारे देश मे बनेंगे। इस 56 सी 295 विमान के प्रोजेक्ट की कीमत है 21,900 करोड़ है।
बता दें कि मामले पर रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 30 अक्टूबर को गुजरात के वडोदरा में C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की आधारशिला रखेंगे। देश के भारतीय वायु सेना के लिए अब टाटा और एयरबस को इस बेहतरीन एयरक्राफ्ट को बनाने की जिम्मेदारी मिली है।
PM Narendra Modi will lay the foundation stone of the C-295 transport aircraft manufacturing plant in Vadodara, Gujarat, today.
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— ANI (@ANI) October 30, 2022
वहीं रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह उच्चतम स्वदेशी सामग्री में से एक होगी। भारत में बने विमानों की आपूर्ति 2026 से 2031 तक हो जाएगी। पहले 16 विमान 2023 से 2025 के बीच आएंगे। जहां एक तरफ भारत डिफेंस के क्षेत्र में आत्मनिर्भर की ओर निरंतर बढ़ रहा है, ऐसे मिएँ अब केंद्र कि मोदी सरकार भी आत्मनिर्भर भारत को तेजी से बढ़ावा दे रही है। बता दें कि C-295MW विमान नई तकनीक के साथ 5 से 10 टन क्षमता वाला परिवहन विमान है जो वायुसेना के पुराने पड़ गए एवरो विमान की जगह भी ये लेगा। वायुसेना को पहला सी 295 अगले साल सितंबर तक मिल जाएगा।
जानें C-295MW ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के बारें में
- इस एयरक्राफ्ट की कैपेसिटी 5 से 10 टन की है।
- इसमे रियर रैप डोर है जिससे सैनिक आसानी से उतर सकते है।
- इस विमान में 71 सैनिक या 45 के करीब पैराटुपर्स आ जा सकेंगे।
- यह एयरक्राफ्ट 480 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से यह 11 घंटे तक फ्लाई कर सकता हैं।
- इस एयरक्राफ्ट को टेक ऑफ और लैंडिंग के लिये बहुत छोटी जगह की जरूरत होगी।
- यह विमान आसानी से दुर्गम और पहाड़ी इलाकों में जरूरत का सामान पहुंचा सकता हैं।
- इसे टेक ऑफ के लिये 670 मीटर और लैंडिंग के लिये केवल 320 मीटर रनवे की जरूरत होगी।
- इस एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल सैन्य के साथ साथ नागरिक और मानवीय मिशन के लिए भी आसानी से किया जा सकता हैं।
गौरतलब है कि, इस प्रोजेक्ट के चलते कुछ राजनीतिक उठापटक भी देखने को मिली थी। जहां एक तरफ गुजरात मे इस प्रोजेक्ट के आने से वहां खुशी का माहौल है वही महाराष्ट्र के विपक्षी दलों को अब यह लगता है कि, यह प्रोजेक्ट दरअसल पहले उनके राज्य में लगाया जाना था पर उद्धव सरकार के बदलते ही और शिंदे सरकार के आने से यह परियोजना अब गुजरात मे चली गई है।