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    नई दिल्ली: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi ) शुक्रवार यानी आज सुबह 11 बजे दो महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये करने वाले है। इसमें भारतीय रिजर्व बैंक की दो ग्राहक केंद्रित पहल का अनावरण करने वाले है। एक भारतीय रिजर्व बैंक की खुदरा प्रत्यक्ष योजना (Retail Direct Plan) और दूसरा रिजर्व बैंक के एकीकृत लोकपाल योजना ( Lokpal Scheme) की शुरुआत करेंगे। 

    बता दें कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक खुदरा प्रत्यक्ष योजना का उद्देश्य सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की पहुंच बढ़ाना है। इसके तहत खुदरा निवेशकों के लिए भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा जारी प्रतिभूतियों में सीधे निवेश करने का रास्ता खुल जाएगा। इससे निवेशकों को और भी आसानी होगी। 

    इस बारें में पीएमओ ने कहा, ‘‘निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक के हवाले से ऑनलाइन सरकारी प्रतिभूति खाते आसानी से खोल सकते हैं और उन प्रतिभूतियों का रख-रखाव कर सकते हैं। यह सेवा निशुल्क होगी।’’

    ‘एक राष्ट्र-एक लोकपाल’

    व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ नियम होना जरुरी होते है। पीएमओ (Prime Minister’s Office) के मुताबिक एकीकृत लोकपाल योजना का उद्देश्य शिकायतों को दूर करने वाली प्रणाली में और सुधार लाना है ताकि संस्थाओं के खिलाफ ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक नियम बना सके। ताकि शिकायतों को मद्देनजर रखते हुए उनका निराकरण हो सके। पीएमओ ने कहा, ‘‘इस योजना की केंद्रीय विषयवस्तु ‘एक राष्ट्र-एक लोकपाल’ की अवधारणा पर आधारित है। 

    इसके तहत एक पोर्टल, एक ई-मेल और एक पता होगा, जहां ग्राहक अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। ग्राहक एक ही स्थान पर अपनी शिकायत दे सकते हैं, दस्तावेज जमा कर सकते हैं, अपनी शिकायतों-दस्तावेजों की स्थिति जान सकते हैं और फीडबैक दे सकते हैं।’’ ऐसा करने से ग्राहकों के लिए व्यवहार करने में आसानी होगी। 

    बहुभाषी टोल फ्री नंबर 

    इसके लिए एक बहुभाषी टोल-फ्री नंबर भी दिया जाएगा, जिसके तहत ग्राहक अपनी भाषा में संवाद करके अपनी शिकायत दर्ज कर सकेगा। जो शिकायतों का समाधान करने तथा शिकायतों को दायर करने के बारे में सभी जरूरी जानकारी प्रदान करेंगे। आज के इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास भी उपस्थित रहेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इन दोनों योजनाओं के शुरुआत करेंगे। 

    जानें क्या है लोकपाल

    दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के दूसरे कार्यकाल के दौरान लोकपाल तथा लोकायुक्त अधिनियम, 2013 का गठन किया गया था। इसके तहत केंद्र के लिए लोकपाल और राज्यों के लिए लोकायुक्त की व्यवस्था बनाई गई थी। लोकपाल और लोकायुक्त को संवैधानिक दर्जा प्राप्त नहीं है, ये दोनों ही संस्थाएं वैधानिक निकाय हैं।

    लोकपाल, Ombudsman (स्वीडन में प्रशासकीय और जनप्रतिनिधियों के कार्यों की निगरानी के लिए स्थापित की गई संस्था) की तरह काम करता है. ये संस्था एक निश्चित श्रेणी के अंतर्गत आने वाले सरकारी अधिकारियों के कामों की निगरानी करता है और उनके खिलाफ दर्ज की गई शिकायतों की जांच करता है। ये संस्था जांच में दोषी पाए जाने वाले के व्यक्ति विशेष या संस्था के खिलाफ कार्रवाई करता है। इस तरह सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के काम में पारदर्शिता बनी रहेगी। 

    लोकपाल क्यों जरूरी है

    जिस तरह देश के हिट में बाकी व्यवस्थाएं बेहद जरुरी है ठीक उसी तरह हम सब के लिए और हमारे देश के लिए यह लोकपाल योजना बेहद महत्वपूर्ण है। हमारे देश में किसी भी मामले में हमेशा से ही प्रत्यक्ष जांच की मांग की जाती है। हालांकि, सत्ताधारी लोग या ताकतवर लोग (राजनीति में मजबूत) अपनी पावर का गलत इस्तेमाल करते हुए भ्रष्टाचार करने के बाद भी बच जाते हैं।

    ऐसे में लोकपाल, भ्रष्टाचार संबंधी मामलों में एक स्वतंत्र संस्था के रूप में काम करेगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। देश के हालातों को देखते हुए लोकपाल बहुत जरूरी है ताकि भारत को अंदर ही अंदर खोखला करने वाले अधिकारियों पर लगाम कसी जा सके और देश के विकास में बाधा बनने वाली चीजों को खत्म किया जाए।