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Pic: ANI

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    नई दिल्ली/मुंबई. जहाँ एक तरफ पूर्व लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच चीन (China) अब भी अपनी ओछी हरकतों से पीछे नहीं हो रहा है। वहीं आज यानी गुरुवार को चीन के हैकरों ने लद्दाख (Laddakh) के आसपास के इलाकों में पॉवर ग्रिड के इलेक्ट्रिसिटी सिस्टम (Poer Grid-Electricity Systems)को हैक करने की कोशिश की। अब इस बाबत केंद्र की मोदी सरकार ने भी पुष्टि की है। जी हाँ, आज केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि चीनी हैकरों की ओर से लद्दाख के पास बिजली वितरण केंद्रों को निशाना बनाने के दो प्रयास किए गए लेकिन वे अपने मंसूबों में सफल नहीं हुए।

    वहीं आरके सिंह ने आगे बताया कि, “ऐसे साइबर हमलों का मुकाबला करने के लिए हमने अपनी रक्षा प्रणाली को पहले ही बहुत ज्यादा मजबूत कर लिया है। ऐसा पहली बार नहीं है जब हमारे ऊपर हैकिंग का प्रयास किया गया है।”  गौरतलब है कि इससे पहले भी बीते जनवरी और फरवरी में ऐसे ही प्रयास हुए थे। उन्होंने आगे  कहा कि सरकार ने साल 2018 में ही साइबर सिक्योरिटी को काफी मजबूत कर लिया है। ऐसे में आपकी ऐसी कोशिश सफल नहीं होगी। 

    इधर दूसरी तरफ अमेरिका स्थित एक साइबर सिक्योरिटी ग्रुप ने भी ऐसा दावा किया है कि एक बड़े साइबर जासूसी अभियान में, चीनी सरकार से जुड़े साइबर ग्रुपों ने उत्तर भारत में कम से कम साथ भारतीय स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (SLDCs) को अपना निशाना बनाया। अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका स्थित रिकॉर्डेड फ्यूचर ग्रुप ने कहा है कि, ये स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर उत्तर भारत में रियल टाइम ऑपरेशन के जरिए बिजली कंट्रोल और डिस्पैच में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। 

    साथ ही इन रिसर्चरों की टीम ने यह भी बताया है कि हैकरों ने भौगोलिक रूप से उत्तर भारत के उन ख़ास और अहम् इलाकों को टारगेट किया था जो कि लद्दाख में विवादित भारत-चीन सीम के आसपास के हैं। हालांकि, इस बाबत उन्होंने कोई भी सटीक स्थान का नाम नहीं बताया है। साथ ही इन रिसर्चरों के ग्रुप ने एक मैप भी जारी किया है जिसमें यह ख़ास तौर बताया है कि चीन हैकरों के निशाने पर कौन-कौन से अहम् इलाके थे।