वैशाली: बिहार के वैशाली जिले (Vaishali district) के राज कपूर सिंह ने गलवान घाटी (Galwan Valley) में चीनी सैनिकों (Chinese troops) के साथ हुई हिंसक झड़प में अपने चार बेटों में से एक जय किशोर सिंह (Jai Kishore Singh) को खो दिया था। आरोप है कि शहीद जवान के पिता अब जेल में बंद हैं। परिवार के सदस्यों का आरोप है कि वैशाली के जंदाहा में सरकारी जमीन पर अपने बेटे के लिए एक स्मारक बनाने के लिए शहीद जवान के पिता की पिटाई की गई और बाद में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
शहीद जय किशोर सिंह के भाई का कहना है कि डीएसपी मैम ने दौरा किया था और हमें 15 दिनों के भीतर मूर्ति हटाने के लिए कहा था। बाद में थाना प्रभारी हमारे घर आए और मेरे पिता को गिरफ्तार कर लिया और मारपीट भी की। मैं भी एक सशस्त्र बल का जवान हूं।
Bihar | Family members of Jai Kishore Singh, who was killed in the 2022 Galwan Valley clash, allege that Singh's father was thrashed and later arrested by police for building a memorial for his son on govt land in Vaishali's Jandaha pic.twitter.com/L4wI7bBZ6x
— ANI (@ANI) February 28, 2023
एसडीपीओ महुआ ने कहा कि 23 जनवरी को हरि नाथ राम की जमीन और जंदाहा में सरकारी जमीन पर मूर्ति लगाने को लेकर एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। बाद में, प्रतिमा के चारों ओर दीवारें बनाई गईं। अवैध अतिक्रमण से भूस्वामियों के अधिकारों का हनन हो रहा है।
Vaishali | On Jan 23, a case was registered under SC/ST Act over a statue being erected on the land of Hari Nath Ram & on govt land in Jandaha. Later, walls bordering the statue were built. Landowner's rights being violated due to illegal encroachment: SDPO Mahua pic.twitter.com/WuZsSnIMz6
— ANI (@ANI) February 28, 2023
15 जून, 2022 को गलवान घाटी में हुई झड़प में मारे गए जय किशोर सिंह के परिजनों ने आरोप लगाया कि बिहार पुलिस ने दिवंगत सैनिक के पिता को उनके घर से खींचते हुए उन्हें गालियां दीं। हालांकि, पुलिस ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत जनदहा पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई गई थी।
बता दें कि शिकायतकर्ता हरिनाथ राम और राजकपूर सिंह के बीच दो साल से जमीन विवाद चल रहा है। वहीं, लोगों का आरोप है कि बिहार सरकार की जमीन में प्रस्तावित शहीद सैनिक का स्मारक बनने से रोकने के लिए अनुसूचित जाति के हरिनाथ राम ने एससीएसटी एक्ट के तहत झूठा मुकदमा दर्ज कराया था।