
ऋषिकेश.जहाँ एक तरफ मॉनसून की हो रही शुरुआती बारिश ने उत्तराखंड (Uttrakhand) का मौसम तो एक तरफ सैलानियों और निवासियों के लिए सुहाना तो कर दिया है। लेकिन अब इससे लोगों की दिक्कतें भी बढ़ने लगी हैं। दरअसल पहाड़ों पर लगातार हो रही भारी बारिश के चलते अब कई इलाकों में गंगा समेत अन्य नदियों का जलस्तर खतनाक रूप से बढ़ गया है। जिससे चलते अब बाढ़ (Flood) का भी खतरा मंडराने लगा है।
वहीं बात अगर उत्तरखंड के ऋषिकेश (Rishikesh) की हो तो यहाँ गंगा (Ganga River) का जलस्तर अब खतरे के निशान को भी पार कर गया है। वहीं, शारदा बैराज (Sharda Barrage) का जलस्तर फिलहाल तो खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन यहाँ पानी लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में गर पानी बढ़ा तो इसका असर उत्तराखंड के साथ-साथ उत्तरप्रदेश के 10 जिलों पर भी सीधा-सीधा पड़ेगा।
Uttarakhand | People living in low-lying areas near Sharda River in Champawat district will be shifted to safer places if the water level rises (to danger level). The water level is continuously rising. We’re in alert mode. Dam gates were opened: SDM Tanakpur pic.twitter.com/E1D41oRzPN
— ANI (@ANI) June 20, 2021
फिलहाल तो ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है, जिसके बाद अब यहाँ पर भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। जिसके अंदेशे को देखते हुए पुलिस और प्रशासन भी अलर्ट मोड पर हैं। वहीं गंगा के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को भी अब सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट होने को भी कहा गया है।
Uttarakhand: Water level of Sharda Barrage rises due to heavy rainfall, red alert issued
“The water level is below the danger mark. We’re monitoring the rising water levels. It can affect two districts of Uttrakhand & 10 districts of UP,” said an official of Sharda Barrage pic.twitter.com/4pBpZE0qqj
— ANI (@ANI) June 20, 2021
Uttarakhand: A newly constructed road on Rishikesh-Gangotri National Highway 94 (under Chardham project) in Chamba was damaged due to rain. The highway has been closed due to road damage
We’ve instructed the BRO to fill up the shortfall in the highway at the earliest: SDM Tehri pic.twitter.com/jjzI0Afc1D
— ANI (@ANI) June 20, 2021
गौरतलब है कि उत्तराखंड में बीते करीब 60 घंटों से लगातार बारिश के चलते अब वहां बाढ़ के हालात बन गए हैं। दरअसल इस साल जून में ही सामान्य बारिश से अधिक होने के कारण गंगा नदी खतरे के निशान पर आ गई है। आमतौर पर ज्येष्ठ माह में ही ऐसा होता नहीं है। लेकिन तबाड़तोड़ बारिश और गंगा में जलस्तर बढ़ जाने से अब उत्तरखंड प्रशासन भी हरकत में आ गया है।
इस बाबत संबंधित विभागों को हिदायत दी है कि बाढ़ से निबटने और राहत कार्यों के तैयार और सजग रहे, साथ ही रात कोसतर्क रहते हुए सघन निगरानी करें। इसके साथ ही आपदा की स्थिति से निपटने हेतु कंट्रोल रूम की व्यवस्था भी की गई है, साथ ही तहसील स्तर पर स्कूल व धर्मशालाओं की व्यवस्था भी हो चुकी है। इसके साथ ही PSP व NDRF को मुस्तैद करते हुए नाव, पोकलेन मशीन, बलिया व कट्टे आदि की सुचारू रूप से व्यवस्था भी कर ली गई है।