Vande Bharat
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    नई दिल्ली: दक्षिण भारत (South India) में विकास और तेज आवागमन के सहारे भाजपा ने अपनी चुनावी तैयारी को गति देना शुरू कर दिया है। इस समय कर्नाटक को छोड़कर दक्षिण भारत में भाजपा का मजबूत आधार किसी भी राज्य में नहीं है। ऐसे में इन राज्यों में अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए एक ओर जहां भाजपा राजनीतिक गतिविधियों को बढ़ा  रही है। वहीं दूसरी ओर, उसने यहां पर आवागमन के साधन और सुविधा बढ़ाकर विकास के सहारे भी लोगों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज करने का निर्णय किया है। इस कड़ी में उसने दक्षिण भारत को एक और नई वंदे भारत रेलगाड़ी की सौगात देने का निर्णय किया है।

    रेलवे इसका संचालन सिकंदराबाद—विशाखापटटनम के बीच करेगा। जिसका उदघाटन स्वयं प्रधानमंत्री 15 जनवरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करेंगे। यह रेलगाड़ी इस मायने में महत्वपूर्ण है कि यह दो तेलगू भाषी राज्यों तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच चलेगी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस के प्रमुख के चंद्रशेखर लगातार भाजपा विरोधी कांग्रेस रहित मोर्चा बनाने की मुहिम चलाते रहे हैं। जिसके जवाब में भाजपा ने तेलंगाना पर अपना ध्यान केंद्रीत कर यह साफ कर दिया है कि वह यहां पर टीआरएस सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए मैदान में उतरेगी।

    माना जा रहा है कि यह नई वंदे भारत उस मुहिम को और मजबूत करेगी। इस वंदे भारत की यह खासियत है कि यह पहले से बेहतर और अधिक सुविधाजनक है। जिसको लेकर इसकी प्रशंसा अंतरराष्ट्रीय मीडिया और रेलवे समुदाय में भी हो रही है। यह स्वदेश निर्मित पहली ऐसी रेलगाड़ी है। जिसमें ट्रेन टक्कर रोधी यंत्र कवच भी लगा हुआ है। इसके अलावा इसमें आग लगने की स्थिति पर काबू करने के लिए भी बेहतर उपाय किये गए हैं।

    रेलवे अधिकारियों के मुताबिक यह वंदे भारत उन आठ नई वंदे भारत रेलगाड़ियों में से एक है। जो जल्द ही रेलवे के बेड़े में शामिल होने वाली है। यह सिकंदराबाद और विशाखापटटनम के बीच 700 किमी का सफर करेगी। इसकी अधिकतम स्पीड 160 किमी है। जो यह स्टार्ट होने के 140 सैकेंड में भी हासिल कर लेगी। यह तेलगू भाषी दो प्रदेशों तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को आपस में जोड़ेगी। यह आंध्र प्रदेश में विशाखापटटनम, राजामुंदरी और विजयवाड़ा में रूकेगी। जबकि तेलंगाना में इसका ठहराव खम्मम, वारांगल और सिकंदराबाद में होगा। इससे पहले दक्षिण भारत में एक अन्य वंदे भारत मैसूर—चैन्नई के बीच चलाई गई थी।

    इसके अलावा एक वंदे भारत मुंबई—अहमदाबाद के बीच भी चलाई गई है। इसी रूट पर भविष्य में बुलेट ट्रेन का संचालन भी प्रस्तावित है। इसके अलावा यह ट्रेन वैष्णोदेवी और वाराणसी भी जाती है। इसे भविष्य में राजधानी और शताब्दी ट्रेन का विकल्प भी बताया जाता है। इस ट्रेन के माध्यम से रेलगाड़ी निर्माण क्षेत्र में भारत ने बड़ी छलांग लगाई है। जिसकी प्रशंसा अंतरराष्ट्रीय मीडिया में लगातार हो रही है। दुनिया के कई देशों ने भारत से इस ट्रेन को हासिल करने को  लेकर भी रूचि जाहिर की है।