Varun Gandhi wrote a letter to PM Modi, said - farmers killed during the movement should get compensation, said this big thing about Lakhimpur Kheri incident
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    नयी दिल्ली: भाजपा के सांसद वरुण गांधी ने सरकार को प्रदर्शनकारी किसानों से दोबारा बातचीत करने का सुझाव देने के कुछ दिन बाद रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गन्ने की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि करने, गेहूं और धान की सरकारी खरीद पर बोनस देने, प्रधानमंत्री किसान योजना की राशि दोगुनी करने और डीजल पर सब्सिडी देने की मांग की है। उत्तर प्रदेश से तीन बार के सांसद वरुण ने कहा कि उनके द्वारा किया गया अनुरोध ‘‘ वित्तीय रूप से व्यावहारिक है और इसपर तत्काल अमल किया जा सकता है।”

    वरुण ने कहा कि गत कुछ साल किसानों के लिए आर्थिक परेशानी वाले रहे हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर लिखने वाला, किसानों के साथ काम करने वाला व्यक्ति और जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरा अनुरोध सरकार-किसान संबंधों को सामान्य बनाने में लंबा रास्ता तय करेगा। योगी आदित्यनाथ को लिखे दो पन्नों के पत्र में पीलीभीत से लोकसभा सदस्य ने किसानों की समस्याओं और उनकी मांगों का उल्लेख किया है। इसके साथ ही उन्होंने इन समस्याओं के समाधान के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं। 

    वरुण ने पत्र की प्रति ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा, ‘‘उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नाम मेरा यह पत्र किसानों की बुनियादी समस्याओं को इंगित करता है। उम्मीद है कि भूमिपुत्रों की बात ज़रूर सुनी जाएगी।”  पत्र में वरुण गांधी ने गन्ने का मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल करने का सुझाव दिया है जबकि उत्तर प्रदेश में इसकी मौजूदा कीमत 315 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुख्य रूप से गन्ने की खेती होती है, जो केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का राज्य में केंद्र बना हुआ है।

    वरुण ने पत्र में लिखा कि किसानों को धान और गेहूं की सरकारी खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अतिरिक्त बोनस दिया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत किसानों को दी जा रही मदद दोगुनी कर 12 हजार रुपये प्रति वर्ष की जानी चाहिए और राज्य को 12 हजार रुपये में से छह हजार रुपये का योगदान अपने कोष से करना चाहिए। 

    पीएम किसान योजना केंद्र की पहल है, जिसके तहत सभी किसानों को छह हजार रुपये सालाना न्यूनतम आय समर्थन के तौर पर दिए जाते हैं।  बिजली और डीजल की कीमतों को लेकर किसानों की चिंता को साझा करते हुए वरुण ने पत्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से डीजल पर 20 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी देने और बिजली की दरों में तत्काल प्रभाव से कटौती करने का अनुरोध किया। 

    उल्लेखनीय है कि इस महीने की पांच तारीख को बड़ी संख्या में किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा मुजफ्फरनगर में बुलाई गई महापंचायत में शामिल हुए थे। उस समय भी वरुण गांधी से कहा था कि ‘‘वे अपने लोग हैं’ और सरकार को सर्वमान्य हल के लिए उनसे दोबारा बातचीत शुरू करनी चाहिए। 

    वरुण गांधी ने महापंचायत में जुटी भीड़ का वीडियो ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा था, ‘‘आज लाखों किसान विरोध के लिए मुजफ्फरनगर में जमा हुए हैं। वे हमारे अपने लोग हैं। हमें सम्मानजनक रूप से उनके साथ दोबारा बातचीत करने की जरूरत है। उनकी पीड़ा और विचारों को समझते हुए सर्वमान्य हल के लिए कार्य करने की जरूरत है।”

    यह महापंचायत उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले अहम विधानसभा चुनाव से पहले आयोजित की गई थी। किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर पिछले साल नवंबर से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इस मामले पर प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधियों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही है। 

    कृषि सुधारों के उद्देश्य से लाए गए कानूनों पर केंद्र सरकार का कहना है कि इससे किसानों को अपने उत्पाद बेचने के नए विकल्प मिलेंगे। सरकार ने उन आशंकाओं को भी खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि इन कानूनों का उद्देश्य न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली और मंडी व्यवस्था को समाप्त करना है।