नए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए देखना होगा Video tutorial, जानें परिवहन मंत्रालय का नया नियम

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    नई दिल्ली. नए ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) आवेदकों को नवंबर से ड्राइविंग टेस्ट देने से पहले सेफ ड्राइविंग प्रैक्टिस पर ऑनलाइन वीडियो ट्यूटोरियल (Video Tutorials) देखना अनिवार्य होगा। वीडियो ट्यूटोरियल में सेफ ड्राइविंग प्रैक्टिस की डिटेल के साथ ही लापरवाह ड्राइविंग से प्रभावित लोगों के परिवार के सदस्यों के इंटरव्यू भी शामिल किये गए हैं।  

    साथ ही जिन लोगों के पास लाइसेंस है और वे किसी ट्रैफिक नियम उल्लंघन मामले में पकडे गए हैं तो उन्हें ‘ड्राइवर सेफ्टी सर्टिफिकेशन कोर्स’ करना होगा। जिन लोगों ने कोर्स को पूरा कर लिया है उनके ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोड़ा जाएगा ताकि ड्राइवरों को ट्रैक किया जा सके। 

    हेलमेट नहीं पहने पर फुटेज होगी शेयर

    सड़क परिवहन मंत्रालय (Ministry of Road Transport) ने टोल प्लाजा पार करने के दौरान हेलमेट नहीं पहने दोपहिया वाहन चालकों की फुटेज शेयर करने के लिए एक मैकेनिज्म रोलआउट करने के लिए 31 अक्टूबर की समय सीमा निर्धारित की है। यह फुटेज स्थानीय पुलिस के साथ शेयर कर उनका चालान बनाया जाएगा। यातायात पुलिस के अनुसार, बड़े शहरों में सीसीटीवी कैमरे लगे होने के कारण टैफिक तोड़ने पर चालकों को आसानी से पकड़ा जाता हैं, लेकिन सीसीटीवी कैमरे देश के अन्य हिस्सों में लगभग न के बराबर हैं।  

    कोर्स पूरा होने पर ही कर सकेंगे लाइसेंस के लिए अप्लाई 

    सूत्रों के अनुसार, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए नए आवेदकों के लिए ऑनलाइन वीडियो ट्यूटोरियल और मौजूदा ड्राइवरों के लिए सेफ्टी सर्टिफिकेशन कोर्स के लिए डिटेल प्रोटोकॉल अगले कुछ हफ्तों में संशोधित एमवी अधिनियम के तहत सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स में दिए जाएंगे।

    जानकारी के अनुसार, रोड सेफ्टी में विशेषज्ञता वाले राज्यों और संगठनों के पास कई वीडियो ट्यूटोरियल उपलब्ध हैं। “इसके लिए एक एकीकृत प्रणाली होगी और आवेदक तब तक आवेदन नहीं कर सकेगा जब तक कि उसने वीडियो ट्यूटोरियल को सफलतापूर्वक पूरा नहीं कर लिया हो। यह उन्हें नियमों के बारे में जागरूक करेगा और उन्हें गैर-जिम्मेदार ड्राइवरों की वजह से सड़क दुर्घटना के कारण पीड़ित लोगों के अनुभवों की जानकारी मिलेगी.” दुनिया भर में ट्रेंड बताते हैं कि ड्राइवर का बिहेवियर ट्रैफिक दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में से एक है। 

    बता दें कि, 2019 में सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 44,666 दोपहिया वाहन चालक और उनके साथ बैठे लोग हेलमेट नहीं पहनने के कारण मारे गए और ऐसे लोगों की संख्या एक्सीडेंट में मारे गए सभी दोपहिया वाहनों में लगभग 80 फीसदी है।