हावड़ा. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejrial) और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से मंगलवार को हावड़ा में मुलाकात की। दोनों नेताओं ने अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति से संबंधित केंद्र के अध्यादेश का विरोध करते हुए सभी पार्टियों को एक साथ आने का आग्रह किया।
ममता बनर्जी ने सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ आकर केंद्र सरकार के अध्यादेश का विरोध करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संविधान और देश का नाम बदल सकते हैं।
AAP national convenor and Delhi CM Arvind Kejriwal, Punjab CM Bhagwant Mann and other party leaders meet West Bengal CM Mamata Banerjee in Kolkata. pic.twitter.com/vhWWB7gXqO
— ANI (@ANI) May 23, 2023
बनर्जी ने कहा, “यह सरकार एजेंसी की, एजेंसी द्वारा और एजेंसी के लिए सरकार बन गई है। हमें डर है कि केंद्र सरकार संविधान बदल सकती है, वे देश का नाम बदल सकते हैं… वे सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का भी सम्मान नहीं करते हैं।” उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी केंद्र सरकार जो दिल्ली सरकार के खिलाफ अध्यादेश लेकर आई है उसका हम विरोध करेंगे और मैं सभी पार्टियों को भी इस पर साथ आने का आग्रह करती हूं।”
#WATCH | This government has become a government ‘of the agency, by the agency and for the agency’. We fear the Central govt might change the Constitution, they might change the name of the country… They don’t even respect the Supreme Court verdicts: WB CM Mamata Banerjee pic.twitter.com/JHisRxfUUB
— ANI (@ANI) May 23, 2023
अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए उसे अहंकारी सरकार करार दिया। उन्होंने कहा, “हमने पंजाब, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु में देखा कि राज्यपाल कैसे सरकार को तंग कर रहे हैं। दिल्ली में इन्होंने जो किया वह जनतंत्र के खिलाफ है।”
उन्होंने कहा, “देश की जनता को इस अहंकारी सरकार को हटाना चाहिए। मैं दीदी का धन्यवाद करूंगा कि राज्यसभा में उन्होंने कहा कि वे हमारा समर्थन करेंगी। राज्यसभा में अगर यह बिल गिर जाता है तो यह 2024 से पहले सेमीफाइनल होगा।”
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को ‘दानिक्स’ काडर के ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए ‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण’ गठित करने के उद्देश्य से एक अध्यादेश जारी किया था। उल्लेखनीय है कि अध्यादेश जारी किए जाने से महज एक सप्ताह पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था।