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नई दिल्ली. जहां एक तरफ आज भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Singh) के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के धरने का आज छठा दिन भी जारी है वहीं इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी हैं। इधर मामले पर ए भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी टी उषा (PT Usha) के बयानबाजी से अब धरने पर बैठे पहलवान खासे गुस्से में है।

उषा का बड़ा बयान 

जानकारी दें कि, बीते गुरूवार को भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी टी उषा ने कहा था कि, सड़कों पर प्रदर्शन अनुशासनहीनता है और इससे देश की छवि खराब हो रही है। उषा ने IOA की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, “यौन उत्पीड़न की शिकायतों को लेकर हम उनकी भावनाएं समझते हैं। IOA की एक समिति और खिलाड़ी आयोग है। सड़कों पर उतरने की बजाय उन्हें हमारे पास आना चाहिए था, लेकिन उनमें से कोई भी आईओए के पास नहीं आया।” 

वहीं जब उषा से पूछा गया कि क्या IOA खुद पहलवानों से संपर्क करेगा क्योंकि वे इस बात पर अड़े हैं कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वे प्रदर्शन स्थल नहीं छोड़ेंगे, उन्होंने कहा, “थोड़ा तो अनुशासन होना चाहिए। हमारे पास आने के बजाय वे सीधे सड़कों पर उतर गए यह खेल के लिए अच्छा नहीं है।”

बजरंग पूनिया ने दिया जवाब

वहीं मामले पर धरने पर बैठे बजरंग पूनिया ने जवाब देते हुए कहा कि, पीटी उषा बताएं कि अगर हमारा धरना अनुशासनहीनता है, तो जब उनकी खुद की अकेडमी टूट रही थी तो मीडिया के सामने आकर क्यों रोईं थीं?” ऐसा सुनकर बुरा लगता है क्योंकि वे खुद एक अच्छी खिलाड़ी हैं। वे अनुशासनहीनता की बात कर रही हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब आपकी अकादमी को तोड़ा जा रहा था, तब आप ट्वीट कर रही थी क्या तब देश की गरिमा पर तब कोई आंच नहीं आ रही थी?

गौरतलब है कि, एक नाबालिग रेसलर समेत 7 महिला खिलाड़ियों ने बीते 21 अप्रैल को बृजभूषण के खिलाफ शिकायत दी थी, पर केस दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद रेसलर्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिस पर आज SC में सुनवाई होनी है।