नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने मंकीपॉक्स (Monkeypox) बीमारी का नाम बदलकर Mpox कर दिया। इसके पीछे कारण नस्लवाद (Racism) बताया गया। सोमवार को अपने एक बयान में कहा कि मंकीपॉक्स के लिए Mpox उसका नया पसंदीदा नाम है, यह कहते हुए कि मंकीपॉक्स और Mpox दोनों अगले साल के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। जबकि धीरे-धीरे करके पुराने नाम को चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा। WHO ने यह चिंता का हवाला देते हुए कहा है कि दशकों पुरानी पशु बीमारी का मूल नाम भेदभावपूर्ण (Discriminatory) और नस्लवादी माना जा सकता है।
WHO नस्लवादी और कलंकित करने वाली भाषा से चिंतित था, जो मंकीपॉक्स के 100 से अधिक देशों में फैलने के बाद पैदा हुई थी। एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स का नाम बदलकर Mpox कर दिया है। जिसमें कहा गया है कि इस बीमारी को भेदभावपूर्ण और नस्लवादी माना जा सकता है।
World Health Organization (WHO) has renamed monkeypox as mpox, citing that the disease could be construed as discriminatory & racist, reports The Associated Press
— ANI (@ANI) November 28, 2022
बता दें कि मंकीपॉक्स एक वायरल ज़ूनोसिस है जो जानवरों से मनुष्यों में फैलता है।जिसके लक्षण चेचक के समान होते हैं लेकिन चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर होते हैं। मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के 3 सप्ताह के भीतर शुरू हो जाते हैं। अगर किसी को फ्लू जैसे लक्षण हैं। आम तौर पर एक से चार दिनों के बाद उनमें रैशेज विकसित हो जाते हैं।