चंडीगढ़/नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस में लंबे समय तक चली तनातनी और कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद रविवार को वरिष्ठ दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है। उन्हें विधायक दल नेता भी चुना गया है। वह सोमवार को पंजाब के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।
राजनीतिक करियर
चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले दलित नेता हैं, जो राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे। चन्नी दलित सिख (रामदसिया सिख) समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे। वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
वह इस क्षेत्र से साल 2007 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद वह लगातार जीतते आ रहे हैं। वह शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के शासनकाल के दौरान साल 2015-16 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे।
चन्नी के खिलाफ 2018 में एक महिला भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी को कथित रूप से एक अनुचित संदेश भेजने के लिए एक #MeToo मामला भी लंबित है। महिला ने कभी शिकायत दर्ज नहीं की और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने तब कहा था कि यह मुद्दा “हल” हो गया था। लेकिन इस साल मई में मामला फिर सामने आया जब पंजाब महिला आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस भेजकर आरोप पर जवाब मांगा।