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    नई दिल्ली. जहां एक तरफ टेरर फंडिंग केस में जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) को आज यानी गुरूवार को NIA कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया है। वहीं अब मलिक को कितनी सजा मिलेगी इस पर तो खैर  अदालत में आगामी 25 मई से बहस शुरू होगी। हालाँकि यह भी दुरुस्त है कि मलिक ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को कबूल लिया था। वहीं कोर्ट ने NIA को मलिक की वित्तीय स्थिति पर रिपोर्ट सौंपने का भी आदेश दिया है।

    हालाँकि उधर पाकिस्तान ने भारतीय दूतावास प्रभारी को यहां विदेश मंत्रालय में तलब कर उन्हें आपत्ति संबंधी एक दस्तावेज (डिमार्शे) सौंपा है, जिसमें कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के खिलाफ “मनगढ़ंत आरोप” लगाए जाने की कड़ी निंदा की गई है। हालाँकि, इसके उलट भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू और कश्मीर “हमेशा से ही भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।” साथ ही भारत ने पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी दुष्प्रचार को रोकने की भी सलाह दी। 

    यासीन को होनी वाली सजा से पाकिस्तान के पेट में हुआ दर्द 

    इतना ही नहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार देर रात में जारी अपने एक बयान में कहा कि कश्मीरी हुर्रियत नेता मलिक फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद है। इस बयान में यह भी कहा गया ”भारतीय दूतावास को पाकिस्तान की गंभीर चिंता से अवगत कराया गया कि भारत सरकार ने कश्मीरी नेतृत्व की आवाज़ को दबाने के लिए उन्हें (मलिक को) फर्जी मामलों में फंसाया है।” इसमें कहा गया है कि भारतीय पक्ष को 2019 से “अमानवीय परिस्थितियों” में तिहाड़ जेल में मलिक के बंद होने पर पाकिस्तान की चिंता से भी अवगत कराया गया।  विदेश मंत्रालय ने कहा पाकिस्तान ने भारत सरकार से मलिक को सभी “निराधार” आरोपों से बरी करने और जेल से तत्काल रिहा करने का मांग की ताकि वह अपने परिवार से मिल सकें तथा अपने स्वास्थ्य में सुधार कर सामान्य जीवन जी सकें। 

    कौन है यासीन मलिक : 

    जानकारी के अनुसार यासीन मलिक (Yasin Malik) का जन्म 3 अप्रैल 1966 को मैसुमा, श्रीनगर में हुआ था। यासीन मलिक एक पेशेवर आतंकी है। साथ ही वो जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का अध्यक्ष और अलगाववादी नेता है, जो पाकिस्तान के इशारे पर काम करता था। जानकारी दे दें कि यासीन मलिक 90 के दशक में कश्मीर में हुए कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार और पलयान में शामिल था। इसके साथ ही इसी यासीन मलिक पर कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन करने का भी आरोप है। इसके अलावा वो भारत में टेरर फंडिंग के मामले में भी अहम दोषी है। इतना ही नहीं, यासीन मलिक पर मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण का भी गंभीर आरोप लगा चूका है। 

    करवाई थी 4 एयरफोर्स अफसरों की हत्या

    पता हो कि जनवरी, 1990 में इसी यासीन मलिक (Yasin Malik) ने कश्मीर के रावलपोरा में एयरफोर्स के 4 अफसरों की हत्या की थी। पुलिस के मुताबिक यासीन मलिक ने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फोर्स के आतंकियों के साथ इंडियन एयरफोर्स के स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना समेत 4 अफसरों की गोली मारकर उनकी जघन्य हत्या कर दी थी। 

    क्या यासीन को हो सकती है उम्रकैद की सजा  

    वैसे तो यासीन मलिक (Yasin Malik) के खिलाफ कई धाराओं के तहत आरोप अब तय किए गए हैं। इनमें प्रमुख रूप से गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) की धारा 16 (टेररिस्ट एक्ट), धारा 17 (टेररिस्ट एक्ट के लिए फंडिंग करना), धारा 18 (टेररिस्ट एक्ट की साजिश रचना) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह का मेंबर होना) सहित आईपीसी की धारा 120-B (आपराधिक साजिश) और 124-A (राजद्रोह) भी शामिल है। इनके तहत यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा हो सकती है। खैर अब देखना ये है कि अदालत में आगामी 25 मई से शुरू होने वाली बहस में यासीन को कितनी और कैसे सजा देगी। 

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