Video : RSS chief Mohan Bhagwat said in Bhilwara - disciple can stay two steps ahead of his guru
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    मुंबई: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने रविवार को कहा कि विविधता को सहेजने के लिए पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है।  उन्होंने महाराष्ट्र के नागपुर शहर में ‘भारत एट 2047 : माय विजन माय एक्शन’ (Bharat at 2047: My Vision My Action) पर एक कार्यक्रम को संबोधित किया।

    उन्होंने कहा कि एक ‘अखंड भारत’ का निर्माण तभी होगा, जब लोग भयभीत होना छोड़ देंगे। आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘जब विविधता को प्रभावी तरीके से सहेजने की बात की जाती है, तो विश्व भारत की ओर देखता है। दुनिया विरोधाभासों से भरी हुई है लेकिन द्वंद्व से निपटने का हुनर केवल भारत के पास है।” भागवत ने कहा, ‘‘ऐसी कई ऐतिहासिक घटनाएं हुई हैं, जो हमें कभी नहीं बतायी गईं और न ही उपयुक्त तरीके से कभी पढ़ाई गईं। उदाहरण के लिए संस्कृत का व्याकरण जिस स्थान से उपजा, वह भारत में नहीं है। क्या हमने कभी सवाल किया कि ऐसा क्यों है?”

    उन्होंने कहा, ‘‘यह मुख्य रूप से इसलिए हुआ कि सबसे पहले हम अपना विवेक और ज्ञान भूल गए और बाद में हमारी जमीन पर विदेशी आक्रांताओं ने कब्जा कर लिया जो मुख्यत: उत्तर-पश्चिम क्षेत्र से आए थे। हम अनावश्यक रूप से जाति और ऐसी ही अन्य व्यवस्थाओं को महत्व देते हैं।” उन्होंने कहा कि काम के लिए बनायी गई व्यवस्था का इस्तेमाल लोगों तथा समुदायों के बीच मतभेद पैदा करने के लिए किया गया।  संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारी भाषा, वेशभूषा, संस्कृतियों में मामूली अंतर हैं लेकिन हमें एक वृहद तस्वीर देखने तथा इन चीजों पर अटके नहीं रहने की समझ बनानी होगी।”

    आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘देश में सभी भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं, विभिन्न जाति के सभी लोग अपने हैं, हमें ऐसा प्रेम दिखाने की जरूरत है।” उन्होंने कहा, ‘‘जब हम अखंड भारत की बात करते हैं तो हमें डरना क्यों चाहिए?” भागवत ने कहा, ‘‘लोग आश्चर्य जताते हैं कि ऐसा कब होगा। ऐसा होगा, जब हम भयभीत होना छोड़ देंगे। हालांकि, हमें ऐसा भारत बनाने और ऐसे भारत का सपना देखने की जरूरत है।” भागवत ने यह जानने की इच्छा पर भी जोर दिया कि भारत क्या है? उन्होंने कहा कि भारत पूरे विश्व को एकता और अहिंसा का मंत्र देता है। साथ ही भारत क्षमा भी कर सकता है और दंड भी दे सकता है।

    आरएसएस प्रमुख ने कहा कि आधुनिक विश्व में जर्मनी शक्तिशाली हुआ तो हिटलर का जन्म हुआ और जब अमेरिका शक्तिशाली हुआ तो हिरोशिमा और नागासाकी पर (परमाणु) हमला हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘अब जब चीन थोड़ा शक्तिशाली हो रहा है, हम देख सकते हैं कि दुनिया भर में क्या हो रहा है। लेकिन, जब भारत शक्तिशाली होता है, तो वह दुनिया को बचाने के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग करता है। भारत अहिंसा का पुजारी है।” (एजेंसी)