-सीमा कुमारी
‘बाल दिवस’ (Children’s Day) हर साल 14 नवंबर को पूरे देशभर में बड़े ही धूमधाम एवं उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिवस देश के प्रथम प्रधानमंत्री ‘पंडित जवाहर लाल नेहरू’ (Pandit Jawaharlal Nehru) के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। पंडित जवाहर लाल नेहरू जी को बच्चों से बहुत प्यार था। यही कारण है कि, बच्चे आज भी उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते हैं।
नेहरूजी का मानना था कि, बच्चे देश का भविष्य है इसलिए ये जरूरी है कि उन्हें प्यार दिया जाए और उनकी देखभाल की जाए जिससे वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। बाल दिवस (Bal Diwas) के दिन स्कूलों में तरह-तरह के रंगारंग कार्यक्रमों, मेलों और ढेर सारी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इस दिन स्कूलों में बच्चों के बीच मिठाई और टॉफियां आदि बांटी जाती हैं। कई जगह बच्चों को गिफ्ट भी दिए जाते हैं।
जानिए इसका इतिहास
भारत में हर साल 14 नवंबर को ‘बाल दिवस’ मनाया जाता है। 27 मई 1964 को जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद बच्चों के प्रति उनके प्यार को देखते हुए सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि हर साल 14 नवंबर को उनके जन्मदिन पर बाल दिवस मनाया जाएगा। वह कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
विभिन्न देशों में अलग-अलग तारीखों को चिल्ड्रन डे मनाया जाता है। भारत में बाल दिवस 1964 में पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद मनाया जाने लगा। हालांकि बाल दिवस 1925 से मनाया जाने लगा था, लेकिन यूएन ने 20 नवंबर 1954 को इससे मनाने की घोषणा की थी।
इस दिन स्कूलों में रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजित भी किया जाता है, साथ ही बच्चे विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं। इसके अलावा, इस दिन बच्चों को उपहार आदि भी दिए जाते हैं। ‘बाल दिवस’ के दिन कई स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती है और बच्चों के लिए खेल कूद का आयोजन भी होता है। कई स्कूलों में बाल दिवस के दिन बच्चों को पिकनिक पर ले जाया जाता है।