Why is India's national security being compromised Rahul Gandhi's question to the Center regarding the joint stake of 'Elara' and Adani Group

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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने उस खबर को लेकर बुधवार को सरकार पर निशाना साधा जिसमें दावा किया गया है कि अडाणी समूह के एक प्रमुख निवेशक इस कारोबारी समूह की एक रक्षा कंपनी में हिस्सेदार हैं। राहुल गांधी ने सवाल किया कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता क्यों किया जा रहा है?

समाचार पत्र ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर में दावा किया गया है कि ‘एलारा इंडिया अपारच्यूनिटीज फंड’ (एलारा आईओएफ) मॉरीशस में पंजीकृत उन चार प्रमुख इकाइयों में से एक है जो अडाणी समूह की कंपनियों में प्रमुख शेयरधारक हैं। खबर के मुताबिक, रिकॉर्ड से पता चलता है कि बेंगलुरू आधारित रक्षा कंपनी ‘अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड’ में अडाणी समूह के साथ एलारा आईओएफ भी मालिकों में से एक है।

यह कंपनी 2003 में बनी थी और यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एवं रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर काम करती है। इस कंपनी को 2020 में रक्षा मंत्रालय के साथ 590 करोड़ रुपये का एक ठेका मिला था जो पिचोरा मिसाइल एवं रडार प्रणाली को उन्नत बनाने से संबंधित था।

भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता क्यों किया जा रहा है?

राहुल गांधी ने इस खबर का स्क्रीन शॉट साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘भारत की मिसाइल एवं रडार प्रणाली को उन्नत बनाने का अनुबंध एक ऐसी कंपनी को दिया गया जिसका स्वामित्व अडाणी समूह और एलारा नामक एक संदिग्ध विदेशी इकाई के पास है।” उन्होंने सवाल किया, ‘‘एलारा को कौन नियंत्रित करता है? गुमनाम विदेशी इकाइयों को रणनीतिक रक्षा उपकरण का नियंत्रण देकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता क्यों किया जा रहा है?”

प्रधानमंत्री जी न संसद में इस पर चर्चा चाहते हैं, न कोई जांच। क्यों?: प्रियंका गांधी वाड्रा

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस पर संसद में चर्चा क्यों नहीं चाहते और इसकी जांच क्यों नहीं हो रही ? उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘देश के एक प्रमुख अखबार ने मॉरीशस की एक संदिग्ध कंपनी की अडाणी ग्रुप की फर्म के साथ मालिकाना साझेदारी का खुलासा किया। अडानी ग्रुप की इस फर्म को इसरो-डीआरडीओ व रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण ठेके मिले हुए हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री जी न संसद में इस पर चर्चा चाहते हैं, न कोई जांच। क्यों?”

जयराम रमेश ने भी पूछा सवाल 

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘हम अडाणी के हैं कौन’ श्रृंखला के तहत इसी विषय को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कुछ सवाल किए। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या एक अपारदर्शी विदेशी फंड, जिसका वास्तविक मालिक अज्ञात है, को एक संवेदनशील रक्षा कंपनी में इतनी बड़ी हिस्सेदारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए? यदि यह फंड, जैसा कि आरोप है, विनोद अडाणी और उनके सहयोगियों के लिए एक ‘स्टॉक पार्किंग’ इकाई है, तो क्या सरकार को इसके स्रोत के बारे में पूर्ण पारदर्शिता की मांग नहीं करनी चाहिए?”

रमेश ने यह भी पूछा, ‘‘स्टॉक मार्केट की घटिया गतिविधियों में शामिल रहने के लिए कुख्यात, एलारा को अल्फा डिज़ाइन टेक्नोलॉजीज़ जैसी कंपनी में निवेश करने की मंजूरी कैसे मिली? क्या आप अपने पूंजीपति मित्रों के वित्तीय हितों के लिए भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों का त्याग कर रहे हैं?”

DRDO और गृह मंत्रालय को ऑस्कर की ‘छुपा रुस्तम’ श्रेणी का पुरस्कार: महुआ मोइत्रा 

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस खबर को लेकर सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ऑस्कर की ‘छुपा रुस्तम’ श्रेणी का पुरस्कार डीआरडीओ और गृह मंत्रालय को जाता है। वे गुमनाम विदेशी धन द्वारा संवेदनशील रक्षा अनुबंधों को नियंत्रित किए जाने से खुश हैं। यह सिर्फ उनके सबसे अच्छे मित्र अडाणी के लिए है।”

यह अद्भुत संयोग है: प्रियंका चतुर्वेदी

शिवसेना (उद्धव) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अडाणी समूह में बड़ी शेयरधारक कंपनी ही रक्षा कंपनी में इसी समूह के साथ हिस्सेदार है तथा यह रक्षा कंपनी इसरो और डीआरडीओ के साथ मिलकर काम करती है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘‘यह अद्भुत संयोग है।”(एजेंसी)