
नई दिल्ली. जहां एक तरफ आतंक और आतंकवादियों से ग्रस्त कश्मीर में अब बहुत कुछ बदल रहा है। अब यहां की गलियों और सड़कों और नियंत्रण रेखा (LOC) से सटे सीमांत गांवों से लेकर आतंक के गढ़ रहे दक्षिण कश्मीर में तिरंगा रैलियों की जबरदस्त धूम है। अब यहां हर तरफ गूंजते देशभक्ति के गीतों के तराने एक बदलाव के नए बयार और आम कश्मीरी आतंक और अलगाव की पीड़ा से आजादी पाकर देश के स्वतंत्रता दिवस के उत्सव में खो जाने को बेताब होने की गवाही दे रहे हैं।
Srinagar | School students participate in the ‘Har Ghar Tiranga’ rally organised by J&K Police under ‘Meri Maati Mera Desh’ campaign (12/08) pic.twitter.com/Fap1apml4R
— ANI (@ANI) August 13, 2023
वहीं कश्मीर में इन ‘मेरी माटी मेरा देश’ (Meri Maati Mera Desh) रैलियों में युवाओं और आम शहरियों की भागेदारी यह साफ संकेत दे रही है कि यहां सब बदल चुका है। इसके साथ ही देश के लिए बलिदान देने वाले जवानों की याद में अब जोश-खरोश के साथ कैंडल मार्च निकाले जा रहे हैं।
#WATCH | J&K: ADGP Kashmir Vijay Kumar says, “The Tiranga Rally was led by the LG Manoj Sinha…Tight security arrangements have been made ahead of the Independence Day rally.” pic.twitter.com/hsAdEVmcbS
— ANI (@ANI) August 13, 2023
गौरतलब है कि, प्रदेश सरकार ने ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के तहत सभी शहरों में तिरंगा रैलियां निकालने का आह्वान किया था। वहीं अब इसका खासा असर भी दिखा। कश्मीर में बीते तीन दिनों से जगह-जगह से शानदार तिरंगा रैलियां निकल रही हैं। हिंदोस्तान जिंदाबाद, बलिदानियों को सलाम, यह मुल्क हमारा है-इसकी हिफाजत हम करेंगे जैसे नारे लगाते छात्रों व युवाओं की टोलियां नजर आ रही हैं।
वहीं आज ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के तहत जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा आयोजित ‘हर घर तिरंगा’ रैली में स्कूली छात्रों ने भाग लिया है। जानकारी दें कि, कभी आतंकियों और अलगाववादियों का केंद्र रहे श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहरा रहा है। प्रदेश प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों को ऐसी रैलियों में भागेदारी के लिए प्रेरित किया गया था और इसका असर दिख रहा है। आतंक के गढ़ रहे अनंतनाग के गांव सादीवारा में स्कूली छात्रों ने 400 फीट लंबा तिरंगा लेकर रैली निकाली। इसमें ग्रामीणों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया।
वहीं मामलों पर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कुछ दिनों पहले कहा था कि, “फिलहाल कश्मीर की आबोहवा बदल चुकी है। हमें खुद उम्मीद नहीं थी कि लोग इस तरह से तिरंगा रैलियों में हिस्सा लेंगे। यहां छात्र व अन्य लोग विभिन्न जिलों, शहरों व कस्बों में पुलिस द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में स्वेच्छा से हाथ में तिरंगा लिए आ रहे हैं। कुछ जगहों पर तिरंगे कम पड़ गए और हमें मौके पर ही और तिरंगों का इंतजाम करना पड़ा।”