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    नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र आज यानी बुधवार से शुरू हो गया जिसमें सरकार की कोशिश 16 नये विधेयकों एवं अनुदान की अनुपूरक मांगों को पारित कराने की रहेगी। वहीं 17 बैठकों वाले इस सत्र में विपक्षी दलों ने महंगाई, बेरोजगारी, चीन के साथ सीमा पर स्थिति, कॉलेजियम के विषय व केंद्र राज्य के संबंध जैसे मुद्दों को उठाने व चर्चा के लिये पर्याप्त समय देने की भी मांग की है। 

    वहीं आज राज्यसभा में अपने भाषण में PM मोदी ने कहा कि, “संसद सत्र ऐसे समय हो रहा है जब भारत ‘अमृत काल’ की यात्रा शुरू कर रहा है और उसने जी-20 की अध्यक्षता संभाली है. मैं इस सदन के साथ-साथ राष्ट्र की ओर से सभापति को बधाई देता हूं। आप संघर्षों के बीच जीवन में आगे बढ़ते हुए इस मुकाम पर पहुंचे हैं, यह देश के कई लोगों के लिए प्रेरणा है। आप सदन में इस महती पद की शोभा बढ़ा रहे हैं.”

    उन्होंने आगे कहा कि, “हमारे उपराष्ट्रपति किसान पुत्र हैं और उन्होंने सैनिक स्कूल में पढ़ाई की है। इस प्रकार वह जवानों और किसानों के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं.” 

    अपने इस भाषण के दौरान PM मोदी ने संसद चलाने के लिए सभी दलों का सहयोग भी मांगा और कहा कि ‘आज शीतकालीन सत्र का पहला दिन है। 15 अगस्त को आजादी के 75 साल पूरे हुए और हम आजादी के अमृत काल में आगे बढ़ रहे हैं। आज हम ऐसे समय में मिल रहे हैं जब भारत जी20 की अध्यक्षता करने जा रहा है’।

    इस दौरान वे बोले “जिस तरह से भारत ने वैश्विक समुदाय में जगह बनाई है जिस तरह से भारत से उम्मीदें बढ़ी हैं और जिस तरह से भारत वैश्विक मंच पर अपनी भागीदारी बढ़ा रहा है ऐसे समय में जी-20 प्रेसिडेंसी प्राप्त करना भारत के लिए आज बहुत बड़ी बात है।”

    इसके साथ अपने भाषण में PM मोदी ने आगे कहा कि, “इस सत्र में देश को विकास की नई ऊंचाईंयों पर ले जाने के लिए, भारत को आगे बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय करने का प्रयास होगा। उन्होंने आगे कहा, मुझे विशवास है कि सभी राजनीतिक दल चर्चा को और मूल रूप देंगे, अपने विचारों से निर्णयों को नई ताकत देंगे। दिशा को और सपष्ट रूप से उजागर करने में मदद करेंगे’।”

    आज से शुरू हो रहे सत्र के दूसरे दिन यानी 8 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम भी सामने आएंगे । ऐसे में शीतकालीन सत्र पर इन दोनों राज्यों के चुनाव परिणाम की छाया भी देखने को भी मिलेगी। संसद सत्र में सुचारू रूप से कामकाज चलाने के उद्देश्य से चर्चा के लिये सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जिसमें 31 दलों के सदन के नेताओं ने हिस्सा लिया था।

    वहीं शीतकालीन सत्र में विपक्षी दलों द्वारा उठाये जाने वाले कई मुद्दों में प्रमुख मुद्दा पूर्वी लद्दाख में चीन से लगी सीमा की स्थिति और जांच एजेंसियों के कथित दुरूपयोग का विषय है और इन मुद्दों पर सदन में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।