नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देश के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ के चीफ बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली 7 महिला शिकायतकर्ताओं को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने रविवार को सुरक्षा प्रदान की है। यौन उत्पीड़न मामले को लेकर WFI अध्यक्ष सिंह के खिलाफ दो FIR दर्ज की गई है।
समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस सभी 7 शिकायतकर्ताओं को सुरक्षा मुहैया कराती है। पुलिस ने उनके बयान दर्ज करने के संबंध में भी उनसे संपर्क किया। बयान जल्द दर्ज किए जाने की संभावना है।
Wrestlers' protest against WFI chief Brij Bhushan Sharan Singh | Delhi Police provides security to all 7 complainants after Supreme Court order. The Police also contacted them regarding the recording of their statements. The statements are likely to be recorded soon: Delhi Police
— ANI (@ANI) April 30, 2023
दो प्राथमिकी दर्ज
डब्ल्यूएफआई प्रमुख पर पहले दो प्राथमिकी में एक महिला का शील भंग करने, पीछा करने और पॉक्सो अधिनियम की धारा 10 के तहत मामला दर्ज किया गया था। भाजपा सांसद पर सात महिला पहलवानों और एक नाबालिग लड़की ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
पहलवानों को 3 महीने पहले ऐसा करना चाहिए था
ओलंपिक पदक विजेता और पहलवान योगेश्वर दत्त ने कहा, ‘पुलिस तभी कार्रवाई करेगी जब आप उन्हें इसकी सूचना देंगे। अगर कोई घर पर बैठता है तो वह ऐसा नहीं करेगी। योगेश्वर दत्त ने कहा कि पहलवानों को 3 महीने पहले ऐसा करना चाहिए था, मैंने पहले भी कहा था कि अगर वे कार्रवाई चाहते हैं, तो उन्हें इसकी सूचना पुलिस को देनी चाहिए।’ बता दें कि योगेश्वर दत्त पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली समिति के सदस्य भी रहे हैं।
पुलिस एक्शन तभी लेगी जब आप रिपोर्ट करेंगे
दत्त ने कहा, ‘पुलिस एक्शन तभी लेगी जब आप रिपोर्ट करेंगे। ये बात मैंने पहलवानों को पहले भी बोली थी कि पुलिस रिपोर्ट कर देनी चाहिए, न्याय तो कोर्ट से ही मिलेगा। दो कमेटी भी बनाई गई थी जिसमें एक खेल मंत्रालय ने बनाई थी दूसरी खेल मंत्रालय ने बनाई थी। कमेटी किसी को दोषी या निर्दोष साबित नहीं कर सकती है और ना ही कमेटी के पास ये पावर है। पावर तो केवल कोर्ट के पास है दोषी और निर्दोष साबित करने का। कमेटी का तो केवल इतना काम है कि वो दोनों पक्षों की बात सुने और आगे रिपोर्ट सबमिट कर दे। ‘