
नयी दिल्ली/कोलकाता. आज जहाँ बीजेपी (BJP) के पूर्व सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) तृणमूल कांग्रेस (TMC) खेमें में चले गए हैं। वहीं आज सदस्यता ग्रहण करने के बाद उन्होंने कंधार विमान अपहरण कांड (Kandhar Plane Hijack) से जुड़ा एक बड़ा दावा किया। आज सिन्हा ने बताया कि CM ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने उस दौरान खुद आतंकवादियों का बंधक बनने का प्रस्ताव दिया था। इसके साथ ही शर्त ये थी कि आतंकवादी सभी बंधकों को छोड़ देंगे।
गौरतलब है कि, यशवंत सिन्हा साल 2018 में ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) से अलग हो गए थे। लेकिन अब उन्होंने पश्चिम बंगाल में होने जा रहे विधानसभा चुनावों से ठीक पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साथ देने का बड़ा फैसला लिया।
#WATCH | TMC Yashwant Sinha says, Mamata Banerjee wanted to offer herself as a hostage in exchange for passengers of the hijacked plane in ‘Kandahar incident’, for the country. pic.twitter.com/Pf1CBJGLyg
— ANI (@ANI) March 13, 2021
क्या था कंधार कांड?
दरअसल 24 दिसंबर, 1999 को नेपाल की राजधानी काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाले इंडियन एयरलाइंस का विमान IC-814 का शाम करीब 5।30 बजे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन हरकत उल मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने अपने कंजे में यानी की अपहरण कर लिया था। इसके साथ ही इन आतंकियों ने प्लेन को अमृतसर, लाहौर और दुबई में लैंडिंग करते हुए आतंकियों ने विमान को अफगानिस्तान के कंधार में उतरने के लिए मजबूर किया।
जहाँ इन आतंकियों ने 176 यात्रियों में से 27 को दुबई में छोड़ दिया, वहीं रूपिन कात्याल नाम के एक यात्री को चाकू से बुरी तरह गोदकर उसकी जान ले ली थी। इसके बाद इन यात्रियों की रिहाई के बदले भारत को तीन बड़े दुर्दांत आतंकियों मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुस्ताक अहमद जर्गर को अपहरणकर्ताओं को सौंप देना पड़ा था।
पिता को भायाTMC तो पुत्र BJP में खुश!
आपको बता दें की यशवंत सिन्हा ने साल 1990 में चंद्रशेखर की सरकार में वित्तमंत्री रह चुके हैं और इसके बाद वाजपेयी मंत्रिमंडल भी उन्हें इस मंत्रालय का कार्यभार दिया गया था। इसके बाद उन्होंने वाजपेयी सरकार में भी विदेशमंत्री की भी जिम्मेदारी निभाई थी। गौरतलब है कि वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में कई अहम् मंत्रालयों की जिम्मेदारी निभा चुके हैं, लेकिन बाद में बीजेपी के नेतृत्व से मतभेदों के चलते वे वर्ष 2018 पार्टी से अलग हो गए थे। यह भी जान लें कि यशवंत सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन के हमेशा ही विरोधी रहे हैं। लेकिन वहीं उनके सुपुत्र जयंत सिन्हा झारखंड के हजारीबाग से बीजेपी के ही लोकसभा सदस्य हैं।