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नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट बोर्ड के कोषाध्यक्ष अरुण सिंह धूमल (Treasurer of the Indian Cricket Board, Arun Singh Dhumal) ने शनिवार को कहा कि भारत में कोरोना महामारी के बाद हालात अब बेहतर हो रहे हैं और ऐसे में अगले आईपीएल (IPL) के लिए विदेशी मेजबान का विकल्प रखने की कोई जरूरत नहीं लग रही।

आईपीएल की संचालन परिषद के सदस्य धूमल ने कहा कि बोर्ड को यकीन है कि 2021 आईपीएल भारत में ही हो सकेगा। आईपीएल का पिछला सत्र यूएई में कराना पड़ा था। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत में आईपीएल कराने पर काम कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह संभव होगा। इस समय बैकअप के बारे में सोच ही नहीं रहे। हम सभी भारत में ही इसका आयोजन चाहते हैं।”

धूमल ने कहा, ‘‘इस समय भारत यूएई से अधिक सुरक्षित है। उम्मीद है कि हालात स्थिर रहेंगे और सुधरते जायेंगे।” यूएई में जहां कोरोना संक्रमण के मामले बढे हैं, वहीं भारत में इसमें गिरावट आई है। यूएई में 19 सितंबर को आईपीएल शुरू होने के समय एक सप्ताह में कोरोना संक्रमण के औसत 770 मामले थे जो अब बढकर 3743 हो गए हैं।

वहीं भारत में अधिक आबादी और क्षेत्रफल के बावजूद अब एक दिन में 15000 से कम मामले आ रहे हैं जो सितंबर में 90000 प्रतिदिन थे। बीसीसीआई को इस साल रणजी ट्रॉफी नहीं कराने का भी कठिन फैसला लेना पड़ा जबकि विजय हजारे ट्रॉफी, अंडर 19 वनडे और महिला वनडे टूर्नामेंट होंगे।

धूमल ने कहा, ‘‘हमने खिलाड़ियों, चयन समिति, राज्य संघों से फीडबैक मांगा। यह महसूस किया गया कि 2020 बीत चुका है और एक साल में दो सत्र कराने की बजाय सीमित ओवरों का क्रिकेट कराना बेहतर है।” घरेलू क्रिकेट भी बायो बबल में खेला जा रहा है और धूमल ने कहा कि यह आयोजकों और खिलाड़ियों के लिये कठिन है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों का टीकाकरण होने तक यह करना ही पड़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह कठिन है लेकिन कम से कम खेल तो हो रहा है। हम खिलाड़ियों के टीकाकरण की दिशा में काम कर रहे हैं। सरकारी निर्देशों के अनुसार मोर्चे पर काम कर रहे लोगों और वरिष्ठ नागरिकों को पहले टीके लगेंगे। हम सरकार के संपर्क में हैं ताकि खिलाड़ियों को टीके लग सकें।”

भारत और इंग्लैंड के बीच श्रृंखला में दर्शकों के मैदान पर लौटने की संभावना के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘हम नियमित आधार पर हालात की समीक्षा कर रहे हैं। इसके लिये प्रदेश और केंद्र सरकार से मिलकर काम करना होगा। हम चाहते हैं कि दर्शक मैदान पर लौटें ।सौ फीसदी तो संभव नहीं लेकिन 25 से 50 प्रतिशत के बीच।” (एजेंसी)