प्रतीकात्मक तस्वीर
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    नई दिल्ली. सरकार किसी उद्योग के विकास के लिए डेटा (संग्रहीत आंकड़ों) के इस्तेमाल के सिद्धांत तय करेगी। साथ ही अनधिकृत व्यक्तियों द्वारा डेटा के दुरुपयोग और पहुंच को रोकने के लिए पर्याप्त रक्षोपाय (सेफगार्ड) किए जाएंगे। राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति के मसौदे में यह प्रस्ताव किया गया है। नीति में कहा गया है कि सरकार निजी और गैर-निजी डेटा पर नियमन तैयार करने की प्रक्रिया में है। अभी यह नीति विचार-विमर्श की प्रक्रिया में है। मसौदे में कहा गया है कि औद्योगिक विकास के लिए डेटा साझा करने को प्रोत्साहित किया जाएगा। साझा करने की व्यवस्था के लिए डेटा के नियमन तय किए जाएंगे।

    इसमें कहा गया है, ‘‘सरकार किसी उद्योग के विकास मसलन ई-कॉमर्स, उपभोक्ता संरक्षण, राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा और कानून के प्रवर्तन के लिए डेटा के इस्तेमाल के सिद्धांत तय करेगी। इनमें कराधान भी शामिल हैं जहां ये सिद्धांत पहले मौजूद नहीं हैं। साथ ही डेटा के दुरुपयोग को रोकने के लिए पर्याप्त रक्षोपाय किए जाएंगे।” इसमें कहा गया कि उपभोक्ताओं को बिक्री के लिए पेश वस्तुओं और सेवाओं से जुड़ी सभी जानकारियां मिलनी चाहिए।

    उन्हें इस बात की पूरी जानकारी दी जानी चाहिए कि संबंधित उत्पाद का मूल देश कौन सा है और भारत में इसमें क्या मूल्यवर्धन किया गया है। मसौदे में कहा गया है कि इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके मंच पर बिकने वाले उत्पाद जाली नहीं हो। इसके लिए उन्हें रक्षोपाय करने होंगे। यदि ई-कॉमर्स कंपनी की मंच से जाली उत्पाद बेचा जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी ऑनलाइन कंपनी और विक्रेता की होगी।