30516 क्यूसेक्स ताप्ती नदी में छोड़ा
नदी किनारे के लोगों को किया अलर्ट
जलगांव. झमाझम बारिश के कारण ज़िले 4 बांधों में से 3 बांध ओवरफ्लो हो गए हैं. गत तीन दिनों से हतनूर क्षेत्र में जमकर बरसात हो रही है. झमाझम बारिश से मौसम सुहाना हो गया है. लोगों को गर्मी से राहत मिल गई है. वैसे तो आसमान में शनिवार से ही बादल छाए हुए थे. बीच-बीच में बूंदाबांदी भी हो रही थी. लेकिन मंगलवार की रात बरसात इस क्षेत्र पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान दिखी. बूंदाबांदी के बाद झमाझम बारिश होने लगी. जो बुधवार दोपहर तक रुक रुक कर होती रही. मौसम के जानकारों का कहना है कि जुलाई माह में चार बांधों में से तीन बांध अभी से ओवरफ्लो होकर बह रहे हैं, जिससे इस वर्ष फसलों की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद जगी है. जिले में सबसे बड़े और सिंचाई क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण, हतनूर बांध के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश हुई.
ताप्ती का जलस्तर बढ़ा
भारी बारित होने के कारण बुधवार दोपहर 1 बजे हतनूर बांध के 36 फाटकों को आधा मीटर खोला गया है. जिसके चलते ताप्ती नदी का जल स्तर काफी हद तक बढ़ा है. हतनूर बांध के 36 दरवाजों से ३० हजार ५१६ क्यूसेक्स पानी ताप्ती नदी में छोड़ा गया है.जिसके चलते नदी के किनारे बसने वाले लोगों और मछुआरों को सतर्कता की चेतावनी दी गई है.
नदी किनारे की बस्तियों को किया अलर्ट
तेज बारिश के कारण बांध का जलस्तर बढ़ रहा है. बांध का जलस्तर बुधवार को 209.480 मीटर तक पहुंचा है और बांध का जल संग्रहण 179.60 दलघमी है.केंद्रीय जल आयोग के सूत्रों ने बताया कि ताप्ती नदी में 30,516 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है. भुसावल स्थित ताप्ती नदी का जल स्तर 174.700 मीटर दर्ज किया गया है. नदी किनारे के गांव को प्रशासन ने अलर्ट किया है.
फैक्ट्रियों के बंद होने पानी की खपत कम
इस वर्ष लॉकडाउन के कारण, रेलवे, ऑर्डनेंस फैक्ट्री, दीपनगर पावर स्टेशन को बंद कर दिया गया था और उन जगहों पर पानी का उपयोग नहीं करने के कारण अधिक मात्रा में बांधों में पानी बचा है.भुसावल, मुक्तानगर, बोदवड यावल और रावेर तहसीलों में 38,000 हेक्टेयर भूमि पर कृषि को लाभ मिलेगा.
किसानों के खिले चेहरे
बारिश से क्षेत्र के किसान भी काफी खुश हैं. किसानों का कहना है कि इसी तरह से अगर बारिश होती रही तो फसल को काफी लाभ होगा. रिकॉर्ड पैदावार होगी. मध्य प्रदेश की सीमा से सटे हतनूर बांध इलाके में जोरदार झमाझम बारिश होने के कारण जलाशय में भरपूर मात्रा में पानी का भंडारण हुआ है.