पुंछ में शहीद हुए अमित पाटिल पंचतत्व में विलीन

Loading

जलगांव. सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force) की 183वीं बटालियन में सेवारत अमित पाटिल का शुक्रवार की दोपहर 12:50 बजे चालीसगांव के वाकड़ी में अंतिम संस्कार किया गया। अमित पाटिल बुधवार 16 दिसंबर, 2020 को जम्मू के पुंछ इलाके में शहीद हो गए थे। हजारों नागरिकों की मौजूदगी में शुक्रवार को वाकड़ी में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस समय सारे गांव में भारत माता की जय के नारे लगाए गए।

अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में उमड़े ग्रामीण

इस समय पूर्व मंत्री और विधायक गिरीश महाजन, विधायक सुरेश भोले, विधायक मंगेश चव्हाण, चालीसगांव के उप-विभागीय अधिकारी लक्ष्मीकांत सातालकर, उप-विभागीय पुलिस अधिकारी ईश्वर कातकडे, तहसीलदार अमोल मोरे, समूह विकास अधिकारी वाई.एन. वालेकर, जिला सैनिक कल्याण कार्यालय प्रतिनिधि वाकडे के साथ ग्रामीण बड़ी संख्या उपस्थित थे। 

इससे पहले सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने अमित पाटिल को श्रद्धांजलि दी और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। उसके बाद विधायक गिरीश महाजन, सुरेश भोले, मंगेश चव्हाण, उप-विभागीय अधिकारी, उप-विभागीय पुलिस अधिकारी, तहसीलदार और अन्य व्यक्तियों ने माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अमित का शव सुबह 9 बजे वाकडी स्थित घर लाया गया था, जहां परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों ने उनका अंतिम दर्शन किया।

सीमा सुरक्षा बलों ने दी सलामी

इसके बाद अंतिम संस्कार के लिए फूलों से सजे वाहन में जुलूस निकाला गया। इस समय जुलूस के आगे तिरंगा पकड़े युवक चल चल रहे थे। जुलूस वाकडी गांव और परिसर से खुले मैदान में आया। यहां पुलिस और सीमा सुरक्षा बलों ने हवा में तीन राउंड गोलियां दाग़कर उन्हें सलामी दी। जवान के भाई ने शव को मुखाग्नि दी। इस समय वीर जवान के पिता साहेबराव पाटिल, मां सकुबाई पाटिल, पत्नी वैशाली, बेटा और एक बेटी, बहन, भाई समेत परिवार और ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद थे।