जल संकट को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार

  • विधायक गावित ने उद्धव ठाकरे से की मुलाकात

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साक्री. गर्मी में जल संकट की किल्लत के समाधान और विकल्प के रूप में योजना के प्रारूप को मंजूरी देने के लिए विधायक मंजुला गावित (MLA Manjula Gavit) के साथ नगर पंचायत के गुट नेता ज्ञानेश्वर नागरे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) से मिले। पेयजल समस्या की जानकारी देते हुए योजना की मंजूरी के लिए तकनीकी अनुमोदन का ज्ञापन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को दिया गया।

समस्या हल करने का सीएम ने दिया आश्वासन

इस मांग पर सकारात्मक निर्णय जल्दी ही होगा ऐसा आश्वासन मुख्यमंत्री की ओर से मिलने का दावा गुट नेता ज्ञानेश्वर नागरे ने किया है। गर्मी के मौसम में साक्री शहर को जलापूर्ति करने वाली योजना का स्त्रोत सूख जाने से पानी की किल्लत हो जाती है। शहर से 3-4 किमी दूरी पर नदी किनारे के कुएं से जलापूर्ति की जाती है। इस समस्या का स्थायी समाधान करने हेतु बांध से बंद पाइप लाइन द्वारा सीधे जलस्त्रोत में ही पानी छोड़ने का विकल्प सामने आया है।

सरकार से हरी झंडी मिलने का इंतजार

इस योजना का प्रारूप तैयार किया गया है, लेकिन उसको सरकार की ओर से तकनीकी हरी झंडी मिलने की प्रतीक्षा की जा रही है। कान नदी के किनारे साक्री शहर को जलापूर्ति के  लिए विशेष रूप से बनाए गए कुएं से साक्री शहर को जलापूर्ति की जाती है। चूंकि कान नदी गर्मी के दिनों के शुरुवात में ही सूख जाती है। स्वाभाविक रूप से नदी किनारे वाला यह जलस्त्रोत भी सूख जाता है। जिससे शहर में जल की भारी किल्लत पैदा हो जाती है।

इसी नदी पर बने ग्राम दहिवेल के समीप मालनगांव बांध से पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है। एक बार मिले पानी द्वारा शहर को हफ्ते भर जलापूर्ति की जाती है। 2-3 बार निर्माण तथा सिंचाई विभाग को निवेदन किया जाता है। गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत और किसानों की ओर से सिंचाई के लिए की जाने वाली जलापूर्ति की मांग को देखते हुए पानी छोड़ने का निर्णय लिया जाता है। जिसमें समय लगता है और लोगों में पानी की किल्लत को लेकर असंतोष फैलता है।

बीच रास्ते में पानी की चोरी  

मालनगांव से पानी मिल भी जाए, लेकिन बांध से लेकर जलस्त्रोत 25 किमी दूरी तय करने से पहले बीच रास्तों में पड़ने वाले गांव पानी की चोरी करते हैं, नदी में पानी रोकने के लिए बड़े-बड़े गड्ढे खोद देते हैं। पानी नहीं पहुंचने देने की धमकी देते हैं। और तो और सूखी नदी बहुत सारा पानी पहुंचने से पहले सोख भी लेती है। ऐसी कई अड़चनों का सामना साक्री नगर पंचायत तथा नगरवासियों को हर वर्ष करना पड़ता है। कई बार पुलिस और बिजली विभाग की मदद भी पानी सुचारु रूप से पहुंचने के लिए ली जाती है, जो एक मशक्कत भरा काम है।

कई वर्षों से लटका है योजना का प्रारूप

पानी का नुकसान और बीच में पड़ने वाले गांवों के ग्रामीणों के झगड़े टालकर बंद पाइप लाइनों द्वारा बांध से सीधे जलापूर्ति के स्त्रोत तक पानी पहुंचाया जा सकता है। ऐसी योजना का प्रारूप विगत कई वर्षों से तैयार कर लिया गया था। जिसको प्रस्ताव के रूप में शहरी विकास और जीवन प्राधिकरण के सम्मुख रखा गया है। नाशिक जिले के पेठ और कलवन तथा नगर जिले के संगमनेर नगर पालिकाओं की इसी स्वरूप की योजनाओं को हाल ही में स्वीकृति प्रदान की गई है। साक्री नगर पंचायत के प्रस्ताव पर चर्चा नहीं होने से यह प्रस्ताव खटाई में पड़ गया था।

साक्री की विधायक मंजुला गावित को साक्री के नगर पंचायत के गुट नेता ज्ञानेश्वर नागरे ने उक्त समस्या से अवगत कराया। विधायक मंजुलाताई ने अपने विशेष पत्र द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को उक्त योजना को तकनीकी मंजूरी प्रदान करने की मांग की है। योजना के दस्तावेज और ज्ञापन सौंपने के समय विधायक मंजुलाताई के साथ गुट नेता ज्ञानेश्वर नागरे और डॉ. तुलशीराम गावित भी उपस्थित थे।