जलगांव. जिला परिषद (Zilla Parishad) की विशेष ऑनलाइन (Online) सभा में घाटे वाले 16 करोड़ रुपए के बजट (Budget) को मंजूरी (Approval) दी गई। इस अवसर पर प्रिंटिंग प्रेस (Printing Press) के लिए मात्र एक हजार रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके चलते विपक्षी दल के सदस्यों ने नाराजगी जताई और सदन में जोरदार हंगामा किया।
जिला परिषद में राज्य और केंद्र सरकार द्वारा कार्यान्वित विभिन्न योजनाओं के धन का 2% उपकर निधि में जमा किया जाता है। हालांकि, कृषि विभाग के अलावा किसी भी विभाग ने इसका कोई लेखा-जोखा नहीं दिया है। इसके अलावा विपक्षी सदस्य नाना महाजन ने भी आज की विशेष बैठक में बजट में इसका उल्लेख नहीं करने का मुद्दा उठाया। इससे बैठक में काफी हो-हल्ला हुआ।
ऑनलाइन बैठक बुलाई गई थी
जिला परिषद के बजट को अनुमोदित करने के लिए ऑनलाइन विशेष बैठक बुलाई गई थी। रंजना पाटिल की अध्यक्षता में बैठक हुई। लालचंद पाटिल, वित्त समिति के उपाध्यक्ष और अध्यक्ष ने बजट पेश किया। संशोधनों के साथ 16 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी गई। सदस्य नाना महाजन ने मुद्दा उठाया कि अभिसरण शुल्क की राशि में कमी के बारे में जिला परिषद विभागों द्वारा कोई उल्लेख नहीं किया गया है। इसमें मुख्य रूप से ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग का अभिसरण शुल्क 5 करोड़ रुपए शामिल है। उन्होंने कहा कि उनकी कोई योजना नहीं है। इसके अलावा यह पैसा कहां गया, क्योंकि कृषि विभाग को छोड़कर किसी भी विभाग से बजट में इसका कोई उल्लेख नहीं है? उन्होंने ऐसा सवाल भी उठाया।
आय का स्रोत बढ़ाने पर भी की गई चर्चा
हालांकि, कुछ सुधार सदस्यों द्वारा विभिन्न मुद्दे सुझाए गए हैं। कांग्रेस सदस्य प्रभाकर सोनवणे ने मांग की कि प्रस्तावित संशोधनों पर चर्चा की जाए। इसकी पुष्टि रावसाहेब पाटिल ने भी की थी। इसी मुद्दे पर नाना महाजन ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं करने के कारण राज्य सरकार के पास ज़िला परिषद का 10 करोड़ का फंड पड़ा हुआ है। उन्होंने जिप की आय के स्रोत को बढ़ाने की भी मांग की।
प्रिंटिंग प्रेस शुरू करने में सत्तापक्ष को रुचि नहीं
जिला परिषद के स्वयं के स्वामित्व वाले प्रिंटिंग प्रेस को शुरू करने का मुद्दा अभी भी लंबित है। समिति के अध्यक्ष जयपाल बोदडे ने भी इस मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाया। प्रिंटिंग प्रेस समिति ने सांगली, सातारा, कोल्हापुर जेडपी प्रेस का निरीक्षण भी किया है। प्रभाकर सोनवणे ने कहा कि जलगांव में जिला परिषद की प्रिंटिंग प्रेस शुरू करने में सत्तासीन पार्टी कोताई बरत रही है। इस साल बजट में प्रिंटिंग प्रेस शुरू करने के लिए केवल एक हजार रुपए का प्रावधान किया है। प्रभाकर सोनवणे ने आरोप लगाया कि इसके कारण प्रिंटिंग प्रेस जारी नहीं रह पाएगी और अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रक्रिया बाधित हुई है।