केंद्र की नीतियों के विरोध में वंचित बहुजन आघाड़ी ने किया आंदोलन

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जलगांव. वंचित बहुजन आघाड़ी ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार की किसान विरोधी और कामगार विरोधी नीतियों का ढोल बजाकर विरोध किया। इसी के साथ किसान विरोधी तीन कानूनों को वापस लेने की मांग की।

किसानों के आंदोलन के समर्थन में वंचित बहुजन आघाड़ी ने आज जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने आंदोलन किया। कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में कहा कि केंद्र सरकार ने बिना किसी चर्चा के किसान विरोधी तीन कानून पारित किया है। इसे निरस्त करने की मांग को लेकर राजधानी में किसानों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। इस कानून से किसानों के अधिकारों का हनन होगा। वंचित बहुजन आघाड़ी ने सरकार से मांग की है कि सरकार को तुरंत किसान विरोधी कृषि उपज बाजार समिति अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी करे।

रेलवे के निजीकरण की कोशिश न करें

शीतकालीन सत्र में किसानों की कृषि उपज के लिए गारंटीकृत कीमतों के प्रावधान करे। केंद्र सरकार द्वारा रेलवे के निजीकरण के फैसले पर तत्काल रोक लगाई जाए आदि मांगों की गई हैं। इस समय ज़िला अध्यक्ष विनोद सोनवणे, महिला प्रदेशाध्यक्षा शामिभा पाटिल, प्रमोद इंगले, जिला महसचिव दिनेश इखारे, देवदत्त मकासरे, डिंगबर सोनवणे, विद्यासागर खरात, प्रकाश सोनवणे, जितेंद्र केदार, गिरीष नेहते, सचिन वानखेडे, राहुल सपकाले, वंदना सोनवणे , फिरोज शेख, भीमराव सोनवणे, संगीता मोरे, पंचशिला आराक, एड, विनोद इंगले, संगीता भामरे आदि उपस्थित थे।