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  • आढ़तियों की मनमानी बनी कृषि उपज मंडी के गले की फांस
  • डेढ़ वर्षों से प्याज का नहीं किया गया भुगतान

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साक्री. एक ओर प्याज आढ़तियों की मनमानी से निपटने के लिए प्याज नीलामी कृषि उपज मंडी समिति द्वारा बंद की गई थी, वहीं अब डेढ़ वर्षों से प्याज का भुगतान आढ़तिये द्वारा नहीं होने के चलते पीड़ित किसानों ने मंडी समिति के कार्यालय जाकर धरना दिया. किसान चाहते हैं कि मंडी समिति द्वारा मंडी के लाइसेंस धारक को प्याज दिया,अब भुगतान मंडी ही करे, वे आढ़तियों को नहीं पहचानते.जब तक भुगतान नहीं मिलेगा तब तक कार्यालय से नहीं हटेंगे, ऐसा कहते हुए किसानों ने खुद को कैद करते हुए अनोखे तरीके से प्रदर्शन किया.

किसानों के तेवर देख सहमे कर्मी

किसानों के तेवर देखते हुए मंडी समिति के कर्मियों को भागदौड़ कर के पुलिस को सूचना देनी पड़ी. पुलिस उपनिरीक्षक भूषण हंडोरे ने मौके पर पहुंच कर किसानों के ग़ुस्से को शांत किया. किसानों ने दोपहर से लेकर शाम 6 बजे तक धरना दिया था.

मंडी समिति ने नहीं किया सहयोग

किसानों ने 2018 में कुछ आढ़तियों को प्याज नीलामी में प्याज बेचा. जिसका अब तक भुगतान नहीं हो पाया है. इस दरमियान किसानों के दबाव के चलते एक वर्ष पूर्व मंडी समिति द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. लेकिन उसके बाद पुलिस और  किसानों की बातें सच मानें तो मंडी समिति द्वारा पुलिस की जांच और जानकारी मांगने पर कोई सहयोग नहीं किया गया है.

आढतियों के पक्ष में काम करने का आरोप

अब मंडी पर आरोप लग रहे हैं कि मंडी किसानों की जगह आढ़तियों के हित में काम कर रही है. पीड़ितों की बजाय दोषी आढ़तियों के पक्ष में खड़ी है. मंडी समिति दावा करती है कि उसके साथ किए व्यवहार सुरक्षित हैं और किसानों के हित में है. लेकिन हकीकत में बगैर लाइसेंस औऱ  मंडी निर्देशों को नहीं माननेवाले आढ़तियों को ज्यादा तरजीह दी जाती है.गलत व्यवहार पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

आढतियों ने भी समिति पर जड़ा आरोप

उधर आढ़तियों के भी मंडी समिति के खिलाफ आरोप हैं कि वह कोई सुविधा नहीं दे रही है. व्यापारियों को परेशान करने हेतु नीलामी जानबूझकर बंद की गई, जिससे अच्छे दाम मिलने के मौसम में किसानों का भी बड़ा नुकसान हुआ है.

मंडी चेयरमैन पर सवालों की बौछार

मंडी समिति के चेयरमैन पोपटराव सोनवणे और सचिव अशोक मोरे कुछ भी कहने से बच रहे हैं. मंडी में किसानों को भुगतान क्यों नहीं हुआ, किसानों ने खुद को मंडी कार्यालय में क्यों बंद कर लिया, मंडी की नीलामी आकस्मिक बंद क्यों की गई ? जैसे किसी सवालों का जवाब उन्होंने नहीं दिया. टालमटोल करते हुए ऐसा कुछ भी होने से इनकार करते रहे हैं.

मंडी समिति द्वारा हर बार आढ़तियों को निशाना बनाकर आरोप लगाए जा रहे हैं जो गलत है. जिस आढ़तिये ने भुगतान नहीं किया, उस पर क्या कार्रवाई हो यह हमारा विषय नहीं है. मंडी समिति के चेयरमैन को सामने आकर आढ़तिये और किसानों से बात कर मसला हल करना चाहिए.

-किरण कोठावदे, प्याज आढ़तिया पिंपलनेर