बंजर जमीन पर उगने लगीं फल-सब्जियां

  • 4 एकड़ जमीन में ढाई लाख की आमदनी
  • किसान दंपति ने जमीन का किया कायाकल्प
  • अन्य किसानों के लिए बने प्रेरणास्रोत

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जलगांव. चालीसगांव समीप के पिंपरखेड ग्राम क्षेत्र में किसान पति-पत्नी दंपति ने दिन-रात मेहनत कर अपनी चार एकड़ खेती का ऐसा कायाकल्प किया कि आज यह दंपति संपूर्ण तहसील में एक सफल किसान के रूप में जाने -जाने लगी है. उच्च शिक्षित समाधान ठुबे उपाधि के बाद कई माह तक नौकरी की खोज में भटकता रहा, पर उसे नौकरी नहीं मिली. ठुबे के पास पिंपरखेड इलाके में चार एकड़ बंजर खेती थी. इसी खेती को उपजाऊ करने की मन में ठानते हुए ठुबे की पत्नी शारदा ठुबे ने प्रयास शुरू कर दिए. इसके बाद समाधान ने भी नौकरी के पीछे न भागते हुए खेती पर ही ध्यान केंद्रित किया. दोनों पति-पत्नी ने कड़ी मेहनत से जीरो बजट खेती कर खेती का कायाकल्प ही कर दिया.

संद्रिय खेती होने से उत्पादन की बढ़ी मांग

दंपति ने जहर मुक्त खेती अभियान चलाते हुए पूरी तरह से सेंद्रिय खेती करना शुरू किया. जिससे खेत में होने वाला अनाज, फल,सब्जियों की मांग बढ़ गयी. बंजर जमीन को किसान दंपति ने ऐसे बना दिया कि एक एकड़ जमीन में किसान को 70 हजार रुपयों का माल मिलने लग गया. खेती करने के लिए किसान ने किसी भी तरह से रासायनिक खाद, उर्वरक का इस्तेमाल नहीं किया, जिससे उन्हें खेती के लिए ज्यादा खर्च भी नहीं आया.

खेती का गुर सीखने पहुंच रहे किसान

अब तो किसान चार एकड़ जमीन से लगभग ढाई लाख रुपये कमाने लगा है. यह देख किसान के खेत को भेंट देकर कई किसान आर्गेनिक खेती का महत्व समझने लगे हैं. किसान दंपति की दो बेटियां हैं. ये बेटियां भी खेत में काम करने से लेकर पैकिंग और माल बाजार तक पहुंचाने का काम करती हैं. वहीं समाधान भी अपने खेत में उगी सब्जियां घर–घर जाकर बेचते हैं.

कर्मठों की हर जगह जीत

किसान अगर मन में ठान ले और उसे अपने घर से पूरा सहयोग प्राप्त हो तो बंजर जमीन का भी कैसे कायाकल्प किया जा सकता है यह इस दंपत्ति से सीखा जा सकता है. इस उपलब्धि को देखने एवं खेती का गुर सीखने के लिए कई जगहों से किसान पिंपरखेड पहुंच रहे हैं.