मिक्सोपैथी को बढ़ावा न दे सरकार

  • एलोपैथी डॉक्टरों ने की हड़ताल

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जलगांव. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) ने शुक्रवार को ओपीडी का बहिष्कार किया। आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी का अधिकार दिए जाने के विरोध में आईएमए ने हड़ताल का निर्णय लिया था। सरकार की नीति के खिलाफ नारे लगाते हुए आयुर्वेद यूनानी डॉक्टरों से जनरल ऑपरेशन किए जाने की मान्यता समाप्त करने की मांग की।

आयुर्वेद का महत्व बढ़ने से नाराज

हड़ताल पर जाने का फैसला करने वाले डॉक्टर एलोपैथी से संबद्ध हैं। ये लोग विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद का महत्व बढ़ने से नाराज हैं। हाल ही में सीसीआईएम (Central Council of Indian Medicine) की सिफारिश पर केन्द्र सरकार ने आयुर्वेद का महत्व बढ़ाने का फैसला करते हुए एक अध्यादेश जारी किया था। जिसके तहत आयुर्वेद में पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को 58 प्रकार की सर्जरी सीखने और प्रैक्टिस करने की अनुमति दी गई। सीसीआईएम ने 20 नवंबर 2020 को जारी अधिसूचना में 39 सामान्य सर्जरी प्रक्रियाओं को सूचीबद्ध किया था, जिनमें आंख, नाक, कान और गले से जुड़ी हुई 19 छोटी सर्जरी प्रक्रियाएं शामिल हैं।

एलोपैथी डाक्टरों को आपत्ति

लेकिन एलोपैथी के डॉक्टरों को इस पर आपत्ति है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association)  ने कहा है कि सीसीआईएम की अधिसूचना और नीति आयोग की ओर से चार समितियों के गठन से सिर्फ मिक्सोपैथी को बढ़ावा मिलेगा। डॉक्टरों के संगठन ने अधिसूचना वापस लेने और नीति आयोग की ओर से गठित समितियों को रद्द करने की मांग की है।