लाखों रुपये का गांजा जब्त, दो लोगों पर केस दर्ज

  • पुलिस राजस्व विभाग ने किया की संयुक्त कार्रवाई
  • मुंबई सहित राज्य में पहुंचाया जाता था गांजा

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धुलिया. शिरपुर तहसील में की जा रही गांजे की खेती को लेकर शिकायत के चलते अधिकारी नींद से जाग गए हैं. पुलिस, वन विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त कार्रवाई कर गांजे की खेती ढूंढने के लिए चार दल गठित किये. इन दलों ने विशेष ऑपरेशन चलाया.

उप संभागीय पुलिस अधिकारी अनिल माने, प्रदीप महिराले, तहसीलदार आबा महाजन, शिरपुर सहायक वन संरक्षक अमित जाधव, स्थानीय अपराध शाखा निरीक्षक शिवाजी बुधवंत, शिरपुर सिटी पुलिस स्टेशन के हेमंत पाटिल, शिरपुर तालुका पुलिस स्टेशन के अभिषेक पाटिल के मार्गदर्शन में सचिन सालुंके के साथ, शिरपुर उप-मंडल के कुल 10 पुलिस अधिकारी, 65 पुलिस कर्मी, शिरपुर राजस्व मंडल के तीन उप-तहसीलदार, 13 बोर्ड अधिकारी और पटवारियों ने सांगवी वन रेंज अधिकारी मेश्राम के साथ 10 रेंजरों और वन रेंजरों के 4 दस्तों का गठन किया.

चार टीमों ने शिरपुर तहसील में वन बेल्ट और राजस्व भूमि का गहन निरीक्षण किया और उन किसानों का पता लगाया जो अवैध रूप से गांजे की खेती कर रहे थे. इस दौरान पुलिस राजस्व विभाग की टीमों ने की छापेमारी में बीस लाख 25 हजार रुपये का मादक पदार्थ गांजा सूखा और पौधे जब्त किया है. एक तरह से शिरपुर तहसील गांजा हब बना हुआ है. यहां से मुंबई सहित पूरे सूबे में गांजे की तस्करी करने का आरोप पूर्व विधायक गोटे ने लगाया था.

अधिकारियों की टीम ने मौंजे चिलारे में रतन सिंह पाडवी के खेत से 605 किलोग्राम गांजे के पौधे जब्त किए, जिसकी कुल कीमत 12 लाख 10 हजार रु. आंकी गयी है. इसके अलावा लाकडया हनुमान गांव में राहुजा पाडवी के खेत से 163 किलोग्राम वजन वाला सूखा गांजा जब्त हुआ है, जिसकी कीमत 8 लाख 15 हजार रुपये है. पुलिस के मुताबिक मौके पर पहुंची सर्च टीम को देखते ही रतन सिंह पाडवी और राहुजा पाडवी वहां से भाग गए. उनके खिलाफ शिरपुर तालुका पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है.

वन रेंज अधिकारी ने कहा कि वन बेल्टों में गांजे की खेती करने वाले किसानों पर कार्रवाई कर उनके वन बेल्टों सरकार में जमा करवा दिया जाएगा. इस तरह की चेतावनी राजस्व विभाग ने दिया है.