बिल चुकाने के बाद ही शव देने पर अड़ा अस्पताल

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  • निजी अस्पताल का अमानवीय चेहरा सामने आया
  • परिवार को थमाया मनमाना 1.11 लाख का बिल
  • प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद सुलझा मामला

जलगांव. जलगांव के एक प्राइवेट अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत होने के बाद उसके परिवार को 1.11लाख रुपए का बिल थमाने का मामला सामने आया है. दरअसल  एक निजी अस्पताल में कोरोना से संक्रमित वरणगांव के एक निवासी की इलाज के दौरान अस्पताल में ही मौत हो गई. परिवारजनों के अनुसार, मरीज 11 सितंबर को अस्पताल में भर्ती हुआ था. जहां 14 दिनों तक उन्हें अस्पताल में भर्ती रखा गया था. इलाज के बीच गुरुवार की शाम को उनकी मौत हो गई.

मृतक के परिवारजनों का आरोप है कि अस्पताल ने उन्हें मनमाना बिल थमाया है. मिली जानकारी के अनुसार, अस्पताल ने मृतक के शव को ले जाने से पहले उनके परिवारजनों को  1 लाख 11 हजार का बिल बकाया थमा दिया.और इसे चुकता करने के बाद ही शव ले जाने की बात कही. वहीं परिजनों ने कहा कि उन्होंने ऑनलाइन 2 लाख 40 हजार और नकद 50 हजार रुपये का भुगतान किया है. इसके बावजूद इतना बड़ा कोरोना का बिल अस्पताल ने थमाया है.

अस्पताल बिल को आडित कराने का आश्वासन

इस बात को लेकर शुक्रवार को सुबह विवाद हुआ. जिला प्रशासन द्वारा अस्पताल के बिल का ऑडिट कराने का आश्वासन देने पर मामला शांत हुआ. परिजनों ने मृत्यु की जांच और अस्पताल के मनमानी बिल के परीक्षण करने की मांग जिला प्रशासन से की है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भुसावल तहसील के वरणगांव स्थित ऑर्डनेन्स फैक्टरी कर्मी को कोरोना संक्रमण के कारण गणपति हॉस्पिटल में 14 दिनों से इलाज किया जा रहा था.

इलाज के बीच 45 वर्षीय व्यक्ति की गुरुवार शाम पांच बजे अचानक मौत हो गई. परिवारजनों ने इस मोटे रकम को चुकता करने में असमर्थता जताई. जिस पर निजी अस्पताल ने शव देने से इंकार कर दिया. जिसके चलते शुक्रवार सुबह अस्पताल के सामने तनाव की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने हस्तक्षेप करने कोरोना नोडल अधिकारी तथा जिला शल्यचिकित्सक डॉ.एन.एस.चव्हाण को मृतक के परिजनों से चर्चा करने भेजा.जिला सर्जन डॉ.  एनएस चव्हाण ने रिश्तेदारों से बातचीत की. उन्होंने आश्वासन दिया कि बिल के लिए अस्पताल का ऑडिट किया जाएगा.  तब परिजनों ने शव उठाने का फैसला किया. परिजनों ने कहा कि अस्पताल की शिकायत और ऑडिट करने की मांग ज़िला कलेक्टर और जिला सर्जन से करेंगे.

2.90 लाख का बिल कर चुका है अदा  

परिजनों ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाया है कि उनका मरीज तंदुरुस्त सेहतमंद था. अचानक उसका देहांत कैसे हुआ. इसी तरह से इलाज के लिए 2 लाख 40 हजार रुपये ऑनलाइन और 50 हजार रुपये नकद अस्पताल में जमा किया गया था. इसके बावजूद अस्पताल में 1लाख 11हजार का मनमाना बिल थमाया है . इसमें जमा किया गया रकम का उल्लेख नहीं किया गया. इसी तरह से अस्पताल में इंजेक्शन और अन्य दवाई भी ला कर दी गई. इसकी जानकारी बिल में नहीं दी गई इस तरह का गंभीर आरोप अस्पताल पर परिजनों ने लगाया है.