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  • मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी अभियान को अभूतपूर्व सफलता
  • 90% से अधिक कोरोना का रिकवरी रेट
  • 45310 संक्रमित मरीज हुए स्वस्थ
  • 2.17 कोरोना संदिग्धों का परीक्षण

जलगांव. कोरोना का हॉटस्पॉट बना जलगांव जिला अब सामान्य होते जा रहा है. जिला प्रशासन के अथक प्रयास से कोरोना से जंग जीतने वालों का रिकवरी रेट 90% तक पहुंच गया है. जिलाधिकारी अभिजीत राउत के कारगर उपाय से यह संभव हो पाया है. मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी अभियान का व्यापक असर जिले में दिखाई देने लगा है. त्वरित पहचान, निदान और उपचार की तिकड़ी के कारण जिले में अब तक पाए गए करीब 90 फीसदी संक्रमित मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं.  जिला कलेक्टर अभिजीत राउत ने कहा है कि यह जिले के लिए एक आरामदायक और संतोषजनक बात है.

 त्वरित पहचान, निदान और उपचार परिणाम

मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी अभियान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अवधारणा के तहत जिले में बहुत प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है. पालक मंत्री गुलाबराव पाटिल ने जिले में सभी प्रशासनिक मशीनरी के साथ स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों, आशा कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के जी तोड़ कार्य की प्रशंसा की है. जिसके चलते यह संभव हुआ है. अप्रैल से लेकर अगस्त तक जिले में कोरोना वायरस ने विकराल रूप धारण कर लिया था. सूबे में जलगांव हॉटस्पॉट बना हुआ था. जिलाधिकारी अभिजीत राउत की देखरेख मंत्री गुलाबराव पाटिल के मार्गदर्शन में जिला अस्पताल तथा मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता के कुशल नेतृत्व के कारण अभी तक 45,310 मरीज कोरोना से उबर चुके हैं. जिले में इलाज की दर 90.22 फीसदी तक पहुंच गई है.

3710 रोगियों का चल रहा इलाज

 वर्तमान में जिले के विभिन्न अस्पतालों में 3 हजार 701 सक्रिय रोगियों का इलाज चल रहा है, जिसमें से 1 हजार 679 मरीज घरेलू अलगांव में हैं. वर्तमान में जिन रोगियों का इलाज चल रहा है, उनमें से 2,686 स्पर्शोन्मुख हैं और केवल 1,015 रोगसूचक हैं.

20 दिनों में घटी मरीजों की संख्या        

जिले में वर्तमान में कोविड केयर सेंटर में 538, डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में 538 और डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 477 मरीजों का इलाज किया जा रहा है. आइसोलेशन वार्ड में 328 मरीज है. पिछले बीस दिनों में निगेटिव होने वाली मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है और सक्रिय रोगियों की संख्या में 6,410 की कमी आई है, क्योंकि अभियान ‘मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी’ जिले में प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है.  यह जिले के लिए संतोष की बात है.

पालकमंत्री के आह्वान पर मैदान में उतरे लोग

पालक मंत्री गुलाब राव पाटिल के आह्वान पर जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों,  सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और परोपकारी लोगों ने उत्साहपूर्वक दान करते हुए जिले के हर तालुका में ऑक्सीजन बेड बनाने के लिए जिले में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सहयोग दिया है. जिसके चलते जिले में 12 हजार 854 बेड हैं जिनमें से 2 हजार 19 में ऑक्सीजन बेड और 322 आईसीयू बेड हैं.

मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी अभियान में नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच करने के लिए स्वास्थ्य टीमें घर-घर जा रही हैं. प्रशासन द्वारा नागरिकों से आग्रह किया जा रहा है कि कोई भी लक्षण महसूस होने पर जल्द से जल्द निकटतम अस्पताल से संपर्क कर जांच कराएं. वर्तमान में जिले में RT-PCR के माध्यम से 96 हजार 724, रैपिड एंटीजन टेस्ट द्वारा एक लाख  20 हजार 508 की जांच की गई.अभी तक दोनों कोरोना परीक्षण से 2 लाख 17 हजार 232 संदिग्धों की जांच पूरी कराई गई है. इनमें 1 लाख 65 हजार 353  निगेटिव हैं, वहीं 50 हजार 222 परीक्षण पॉजिटिव आए हैं. अन्य रिपोर्टों की संख्या 1,123 है और 534 रिपोर्ट लंबित हैं. कोरोना की मृत्यु दर दिन-ब-दिन कम होते जा रही है. इसी के साथ 5 महीने में पहली बार जिले में इलाज के दौरान 2 मरीजों की मौत हो गई और अब तक 1 हजार 211 मरीजों की मौत हो चुकी है.  प्रशासन ने जिले में संक्रमित रोगियों की मृत्यु दर को 2.41 प्रतिशत तक लाने में सफलता प्राप्त की है.

-अभिजीत राउत, जिलाधिकारी