घोटालों का शहर बना जलगांव

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-वाहिद काकर

जलगांव.  गैरकानूनी गतिविधियों में फंसने से यहां के कई राजनेता मुसीबत में आए. इसके चलते कईयों को राजनीति से संन्यास भी लेना पड़ा है. प्रमुख नेता ही घोटाले में फंसने से जिले में राजनीतिक समीकरण भी बदल गए. घरकुल घोटाले के प्रमुख आरोपी सुरेश जैन समेत उनके लगभग सभी साथियों को जेल जाना पड़ा. इसमें राजनीतिक स्तर से अगर आंका जाए तो जैन को विधानसभा और बाद में महानगर पालिका की सत्ता से भी हाथ धोना पड़ा.

अब लगभग उसी दहलीज तक पूर्व मंत्री गिरीश महाजन पहुंच रहे हैं. महाजन के करीबी विश्वासपात्र सुनील झंवर बीएचआर पतसंस्था घोटाले में भागते घूम रहे हैं. झंवर समेत उसके सभी साथियों पर आर्थिक अपराध शाखा का खतरा मंडराता जा रहा है. बीएचआर घोटाला मामले में यहां के बड़े राजनीतिक लोगों पर शिकंजा कसता जा रहा है. इससे लगने लगा है कि घोटालों को लेकर केंद्रीय शहर बनता जा रहा है.

जिले की नेता पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभाताई पाटिल, मधुकर  चौधरी, सुरेश जैन, एकनाथराव खड़से, गिरीश महाजन जैसे नेताओं ने जलगांव को महाराष्ट्र का राजनीतिक केंद्र बनाया. कई महत्वपूर्ण घटनाएं यहां घटने से सभी की नजरें जलगांव पर टिकी रही. कई सभाओं, प्रचार-प्रसार के लिए राष्ट्रीय नेता यहां आए. इस शहर का घोटालों की श्रृंखला से भी नाता रहा है. नेताओं के करीबियों ने सिर्फ अपने घर भरने पर जोर दिया. इसके चलते वह गबन करते रहे. इसमें कुछ प्रकाश में आए और कुछ मामले राजनीतिक दबाव में दबा दिए गए.

इसी दौरान हुआ घरकुल घोटाला कुछ अधिकारियों के कारण नहीं दबा और सुरेश जैन समेत उनके सभी साथियों को जेल की हवा खानी पड़ी. जैन की गिरफ्तारी के बाद संपूर्ण प्रदेश की नजरें घरकुल घोटाले की ओर लग गयी. देखते-देखते जलगांव पूरे राज्य में सुर्खियों में आ गया. सुरेश जैन की गिरफ्तारी के बाद यह मुद्दा और महत्वपूर्ण हो गया था. अब बीएचआर घोटाला भी शहर के राजनेता और रसूखदारों को अपने शिकंजे में खींचता चला जा रहा है. 

पूर्व मंत्री एकनाथराव खड़से ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और बीएचआर पतसंस्था के मामले में कई खुलासे करते हुए बताया कि यह सारा घोटाला 1,100 करोड़ रुपयों का है. 1100 करोड़ रुपयों की संपत्ति मिट्टी के मोल बेची गई है. इस घोटाले में राजनीतिक बड़ी-बड़ी हस्तियां होने की बात करते हुए समय आने पर इसके सारे सबूत जनता के सामने रखने का दांवा भी खड़से ने किया. राकांपा नेता एकनाथराव खड़से ने स्पष्ट कर दिया है कि समय आने पर वह इसे सब के सामने लाएंगे. घोटाले में भाजपा नेता गिरीश महाजन के करीबी विश्वास पात्र सुनील झंवर फंसे हुए हैं. झंवर के कार्यालय में अपराध शाखा पुलिस को महाजन का लेटरपैड मिला. महाजन का इसमें क्या रोल है यह भी जांच का एक हिस्सा बना हुआ है.