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  • खर्च में 160 करोड़ वृद्धि करके बजट को मंजूरी 
  • अचल संपत्ति टैक्स वसूली पर मचा घमासान

जलगांव. वैश्विक महामारी के प्रकोप के कारण जलगांव महानगर पालिका के इतिहास में पहली बार बुधवार को ऑनलाइन महासभा का आयोजन किया गया था. इस महासभा में स्थायी समिति द्वारा सुझाए गए 160 करोड़ रुपये के खर्च को बढ़ाकर पालिका के बजट को मंजूरी दी गई है.जलगांव नगर पालिका के वर्ष 2020-21 के बजट को आज पालिका की ऑनलाइन आम सभा में अनुमोदित किया गया.

गरमा गरम हुई चर्चा

महासभा की शुरुआत में महा पालिका प्रशासन ने वर्ष 2020-21 के वित्तीय बजट 1141 करोड़ 96 लाख का प्रशासन बजट रखा था. जिसे स्थायी समिति ने कम बताया और नए सिरे से स्थायी समिति की ओर से 160 करोड़ रुपये की नई वृद्धि के साथ 1301.96 करोड़ रुपये का बजट स्थायी समिति के अध्यक्ष एड शुचिता हाड़ा द्वारा प्रस्तुत किया गया. इस पर पार्षदों ने गरमा गरम चर्चा की.

संक्रामक निवारण के लिए 5 करोड़ का प्रावधान

नगरसेवक नितिन लढ्ढा, कैलास सोनवणे, सुनील महाजन, विशाल त्रिपाठी, ज्योति चव्हाण ने ऑनलाइन सभा में विभिन्न प्रकार के विकास के मुद्दे उपस्थित कर इस पर चर्चा की. कमिश्नर सतीश कुलकर्णी ने कहा है कि मनपा सदस्यों ने समस्याओं का अध्ययन कर बजट विकास की दृष्टि से परिपूर्ण तैयार किया है. महासभा में सभी सदस्यों ने बजट को बहुमत से पारित किया है. पहले संक्रामक निवारक उपायों के लिए 5 लाख रुपये का प्रावधान था. कोरोना की पृष्ठभूमि के खिलाफ, प्रावधान को बढ़ाकर अब 5 करोड़ कर दिया गया है.

प्रशासन को आय बढ़ाने के निर्देश

जलगांव नगर निगम की आज ऑनलाइन पहली महासभा का आयोजन हुआ. इसकी अध्यक्षता मेयर भारती सोनवणे ने की. मंच पर उप महापौर डॉ अश्विन सोनवणे, आयुक्त सतीश कुलकर्णी, नगर सचिव सुनील गोराने उपस्थित थे.इस दौरान महापौर ने प्रशासन को आय बढ़ाने के भी निर्देश दिए.सुझावों को लागू करने से संपत्ति कर में वृद्धि होगी, शहरी विकास विभाग में आय में वृद्धि के लिए सुझाए गए बदलाव से आय में वृद्धि होगी.

हाकर्स शुल्क वृद्धि का प्रस्ताव खारिज

 अनधिकृत रूप से गुंठेवारी, ले- आउट धारकों से शुल्क में वृद्धि से आय होगी. हॉकर्स शुल्क को 20 से बढ़ाकर 50 रुपये करने के प्रशासन के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. निकाई करों की वसूली को लेकर महानगर निगम की ऑनलाइन सभा में जोरदार बहस हुई. पार्षद नितिन लड्ढा ने चर्चा करते हुए कहा कि अगर 50 फीसदी छूट दी जाती है, तो विकास कार्यों में रुकावट पैदा होगी और बजट में संशोधन करना होगा. इस पर उप महापौर ने कहा कि अगर शासन ने अनुदान दिया. आवासीय टैक्स में राहत दी जा सकती है.

अगली बैठक में होगी चर्चा

इस पर कमिश्नर कुलकर्णी ने कहा कि निगम के राजस्व और व्यय के अनुमानों को स्थाई अध्यक्षों द्वारा सावधानीपूर्वक तरीके से प्रस्तुत किया गया है. संशोधित बजट पर विचार किया जा सकता है. आयुक्त ने कहा कि परिणामों पर अगली बैठक में चर्चा की जाएगी. नितिन लड्ढा ने बताया कि कई प्रयासों के बावजूद शहर में अचल संपत्ति की वसूली 54 प्रतिशत से अधिक नहीं हुई है.